Indian Startup: विदेशों में अपने मुख्यालय बनाकर बैठी कंपनियों का वहां से लगाव अब खत्म हो चला है. अब ये कंपनियां अपने हेडक्वार्टर भारत में वापस लाने की तैयारी में जुट गई हैं. उन्हें अब विदेश से कामकाम जारी रखना उतना फायदेमंद नजर नहीं आ रहा है. जानकारी के मुताबिक, पाइन लैब्स, उड़ान और मीशो वो बड़े नाम हैं, जिनका विदेशों से मोहभंग हो चला है. ये जल्द ही भारत से ही अपना संचालन शुरू करेंगी.


सिंगापुर और अमेरिका में हैं हेडक्वार्टर 


पाइन लैब्स और उड़ान का मुख्यालय सिंगापुर और ईकॉमर्स कंपनी मीशो का मुख्यालय अमेरिका में हैं. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पाइन लैब्स भारत आने के लिए अपने बोर्ड की मंजूरी का इंतजार कर रही है. पीओएस डिवाइस (PoS Devices) बनाने वाली पाइन लैब्स 2021 से ही आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है. मगर, बाजार में चल रही उठापटक ने उसे अपने प्लान आगे टालने पर मजबूर कर दिया था. बोर्ड की मंजूरी मिलने के बाद कंपनी अपनी पैरेंट फर्म को भारत ले आएगी. पाइन लैब्स की घर वापसी इसी साल हो सकती है. हालांकि, यह नियामकीय मंजूरी पर निर्भर रहेगा. सूत्रों के मुताबिक, उड़ान भी ऐसी ही तैयारी किए बैठी है और जल्द ही अपना आईपीओ भी बाजार में उतारेगी.  


आसान टैक्स पॉलिसी और विदेशी फंडिंग के लिए गए थे विदेश 


इस बीच रिपोर्ट के मुताबिक, उड़ान भी अपनी होल्डिंग कंपनी को भारत लाने के लिए तैयार बैठी है. साथ ही कंपनी ने सिंगापुर स्थित अपनी फर्म के जरिए ओवरसीज लिस्टिंग का विकल्प भी रखा है. उधर, मीशो भी अपनी अमेरिका स्थित होल्डिंग कंपनी को भारत लाने के विकल्पों को तलाश रही है. हालांकि, मीशो ने अभी तक इस पर आखिरी निर्णय नहीं लिया है. बड़े इंडियन स्टार्टअप के लिए भारत वापस लौटने की तैयारियों के पीछे कई कारण हैं. इन स्टार्टअप ने आसान टैक्स पॉलिसी और विदेशी फंडिंग के लिए भारत से बाहर अपने मुख्यालय बनाए थे. पिछले कुछ सालों के दौरान केंद्र सरकार ने लगातार नीतियों में बदलाव किया है. ऐसा माना जा रहा है कि 2024 में सरकार कंपनियों को वापस इंडिया लाने के लिए टैक्स छूट दे सकती है. यह कदम इन स्टार्टअप की घर वापसी के लिए बड़ा इंसेंटिव हो सकता है. 


घर वापसी के पीछे सबसे बड़ा कारण आईपीओ 


यदि सरकार टैक्स नियमों को और आसान बनाती है तो ज्यादा से ज्यादा कंपनियों विदेशी मोह छोड़कर भारत में अपने मुख्यालय बनाएंगी. वालमार्ट ने फोनपे को सिंगापुर से भारत लाने के लिए लगभग 90 करोड़ डॉलर खर्च किए थे. कई कंपनियां आईपीओ लाने के लिए भारत में वापसी की तयारी कर कर रही हैं. उड़ान की घर वापसी के पीछे भी सबसे बड़ा कारण आईपीओ ही है. 


फिनटेक कंपनियां भी लौटेंगी भारत 


जानकारी के मुताबिक, फिनटेक कंपनियां भी घरवापसी की तैयारियों में जुटी हुई हैं. ग्रो (Groww) ने नेशनल कंपनीज लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के समक्ष अमेरिका से भारत आने के लिए याचिका दाखिल की है. रेजरपे (Razorpay) भी ऐसी ही तैयारियों में जुटा हुआ है. पाइन लैब्स भी कुछ महीनों में यह प्रक्रिया पूरी कर लेगी. चुनौतियों के बावजूद स्टार्टअप के लिए भारत एक लाभकारी जगह बना हुआ है. भारत सरकार भी इन कंपनियों के वापस आने से भारतीय इकोनॉमी को होने वाले लाभ पर ध्यान केंद्रित करेगी.


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