Indian Spending Survey: पिछले कुछ सालों में भारतीयों के खर्च करने के तरीके में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं. खास बात ये है कि यह है कि यह बदलाव शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में हुआ है. सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों ने देश के परिवारों के घरेलू खर्च को लेकर अपनी ताजा रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट से पता चला है कि आज भी भारतीय परिवार अपनी कमाई का सबसे बड़ा हिस्सा खाने-पीने की चीजों पर खर्च करते हैं.


हालांकि इस डाटा से यह भी पता चला है कि खाने-पीने पर होने वाले खर्च में पिछले 20 सालों में कमी आई है. इसके साथ ही भारतीय अब लग्जरी आइटम कपड़े और मनोरंजन पर जमकर खर्च कर रहे हैं. 


100 रुपये में से 39.70 रुपये खाने-पीने पर खर्च कर रहे भारतीय


NSSO के जारी किए आंकड़े के मुताबिक शहरी क्षेत्र में रहने वाला भारतीय परिवार 100 रुपये की कमाई में से 39.7 रुपये केवल खाने-पीने पर खर्च करता है. वहीं ग्रामीण इलाके में रहने वाला परिवार 100 रुपये में से 47 रुपये खाने-पीने पर खर्च करता है. इस सर्वे में यह भी पता चला है कि पिछले कुछ सालों में भारतीयों ने अनाज पर होने वाले खर्च को कम किया जबकि दूध और पैकेज्ड फूड पर ज्यादा खर्च कर रहे हैं.


इस सर्वे में खास बात यह भी पता चली है कि भले ही भारतीय अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा खाने पीने की चीजों पर खर्च कर रहे हैं, लेकिन इस खर्च में पिछले 20 सालों में गिरावट दर्ज की गई है. 


दूध और पैकेज्ड फूड पर ज्यादा खर्च कर रहे लोग


दूध और पैकेज्ड फूड पर होने वाले खर्च में बढ़ोतरी दर्ज हुई है. दूध और पैकेज्ड फूड पर होने वाले खर्च में 4.2 फीसदी का इजाफा दर्ज हुआ है. वहीं अनाज पर होने वाले खर्च में 7.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. खास बात यह रही है कि 1999-2000 से लेकर 2022-23 तक खाने-पीने पर होने वाला खर्च 48.1 फीसदी से घटकर 39.7 फीसदी तक पहुंच गई है. 


एंटरटेनमेंट और कपड़े पर जमकर खर्च कर रहे भारतीय


NSSO के डाटा के मुताबिक भारतीय एंटरटेनमेंट पर अपनी कमाई का 6.5 फीसदी हिस्सा खर्च कर रहे हैं. खास बात ये है कि किराये के लिए भी भारतीय परिवार औसत रूप से 6.5 फीसदी खर्च कर रहे हैं. कपड़ों पर भारतीय परिवार अपनी कमाई का 5.4 फीसदी हिस्सा खर्च कर रहा है. मेडिकल खर्च पर परिवार की कमाई का 5.9 फीसदी हिस्सा खर्च हो रहा है. वहीं वाहन (आने-जाने) पर औसतन भारतीय परिवार 8.5 फीसदी हिस्सा खर्च करता है. वहीं पढ़ाई पर भारतीय परिवार अपनी कमाई का 5.7 फीसदी हिस्सा खर्च कर रहा है.


NSSO सर्वे से यह साफ तौर पर पता चलता है कि भारतीयों ने पिछले कुछ सालों में खाने-पीने पर होने वाले खर्च को कम किया है. इसके साथ ही अब एंटरटेनमेंट, कपड़े, मेडिकल खर्च आदि में इजाफा हुआ है. डाटा से यह भी पता चलता है कि देश में पैकेज्ड फूड की मांग में भी बढ़ोतरी हुई है. 


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