Russian Crude Oil Import in May: रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) शुरू होने के बाद से भारत बड़ी मात्रा में रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है. अब इसे लेकर बड़ी खबर आ रही है. रूस से मई के महीने में भारत ने रिकॉर्ड स्तर पर कच्चा तेल आयात (Russian Crude Oil) किया है. एनर्जी कार्गो ट्रैकर वॉर्टेक्सा (Vortexa) के डेटा के मुताबिक रूस से आयात हुए कच्चे तेल की मात्रा इराक, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और अमेरिका से लिए गए संयुक्त रूप से कच्चे तेल की मात्रा से कहीं ज्यादा है.


अप्रैल के मुकाबले 15 फीसदी ज्यादा कच्चे तेल का हुआ आयात


डेटा के मुताबिक पिछले महीने कुल आयात किए कच्चे तेल का 42 फीसदी हिस्सा रूस से आया है. ऐसे में हाल के सालों में किसी देश से मंगवाए गए कच्चे तेल की सबसे बड़ी खेप है. मई में भारत ने हर दिन रूस से करीब 19.8 लाख बैरल कच्चे तेल का आयात किया है. ऐसे में पिछले महीने के मुकाबले यह आंकड़ा 15 फीसदी अधिक है. ध्यान देने वाली बात ये है कि रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से दोनों देशों के बीच कच्चे तेल की व्यापार लगातार बढ़ा है. ऐसे में साल 2022 के बाद से यह लगातार आठवां महीना है जब देश में आयात किए गए कच्चे तेल में रूसी की हिस्सेदारी बढ़ी है.


OPEC से कम तेल का हुआ आयात


रूसी तेल की भारतीय बाजार में बढ़ती हिस्सेदारी का असर ओपेक देश से आयात होने वाले कच्चे तेल पर पड़ रहा है. जहां पिछले महीने रूस से हर दिन 19.8 लाख टन कच्चे तेल का आयात किया गया है, वहीं ओपेक देशों से यह मात्रा 18 लाख टन ही रहा है. वहीं भारत हर दिन कुल 47 लाख टन कच्चे तेल का आयात अलग-अलग देशों से पिछले महीने कर रहा था. ईरान से हर दिन 8.3 लाख टन, UAE से हर दिन 2.03 लाख टन और अमेरिका से 1.38 लाख टन कच्चे तेल का आयात किया गया है.


भारत के जरिए रूसी तेल खरीद रहा यूरोप!


अमेरिका और यूरोप की रूस से उस समय तनातनी बढ़ गई जब रूस ने यूक्रेन पर फरवरी 2022 में हमला कर दिया. इसके बाद से ही यूरोप के कई देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए. इसके कच्चे तेल की खरीद पर भी रोक शामिल थी. इसके बाद से ही भारत ने रूस से डिस्काउंट रेट पर कच्चा तेल खरीदना शुरू कर दिया था. अप्रैल 2023 में रायटर्स की रिपोर्ट से यह पता चला है कि यूरोप भारत के जरिए बड़ी मात्रा में रूस का कच्चा तेल खरीद रहा है. इसमें सबसे ज्यादा निर्यात डीजल और जेट फ्यूल (Diesel and Jet Fuel) का किया गया है. इससे देश की रिफाइनरियां को बड़ा मुनाफा हो रहा है.


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