Pakistan Economic Crisis: भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान फिलहाल अपने 75 सालों के सबसे बुरे आर्थिक दौर (Pakistan Economy Crisis) से गुजर रहा है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) से राहत पैकेज न मिलने के कारण देश के आर्थिक हालात और खराब होते जा रहे हैं. पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति (Pakistan Economy) साल 1971  से भी बुरी हो चुकी है. एक तरफ जहां देश का विदेशी मुद्रा भंडार कम हो रहा है, वहीं दूसरी ओर महंगाई ने आम लोगों की कमर तोड़ रखी है. दूध, आंटे, चावल जैसे रोजमर्रा के खाने पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. ऐसे में हम आपको उन पांच निशान के बारे बता रहे हैं जो देश की आर्थिक बदहाली की तस्वीर को बयान कर रहा है.


1. बेतहाशा बढ़ रही महंगाई


भारत में जहां मौजूदा महंगाई दर 4.7 फीसदी और खाद्य महंगाई दर 3.8 फीसदी है, वहीं पाकिस्तान में खाद्य महंगाई दर मई में यह आंकड़ा 48.7 फीसदी (Pakistan Inflation) तक पहुंच गया है. वहीं अप्रैल 2023 में देश की महंगाई दर 48.1 फीसदी थी. बढ़ती महंगाई के दूध, दही, आटा, चावल, सब्जी, फल जैसे बुनियादी खाने पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. ऐसे में आम लोगों के दो वक्त की रोटी भी जुटाना मुश्किल हो गया है.


2. आईएमएफ से नहीं मिल रही मदद


अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ पाकिस्तान के साथ 6.6 बिलियन डॉलर का बेलआउट (IMF Bailout Package) पैकेज प्लान किया था. इस पैकेज की 1.1 बिलियन डॉलर की किस्त पाने के लिए पाकिस्तान लंबे वक्त से कोशिश कर रहा है. इस डील के पैसे नवंबर 2022 में ही पाकिस्तान को मिलने थे, लेकिन देश में जारी आस्थिरता और आईएमएफ की शर्तों को पूरा न करने के कारण अभी तक देश को यह आर्थिक मदद नहीं मिल सकी है. पैकेज में देरी के कारण देश का विदेशी मुद्रा भंडार (Pakistan Forex Reserves) तेजी से कम हो रहा है और देश डिफॉल्ट होने के मुहाने पर खड़ा हो गया है. लोन न मिलने के कारण कई बार शरीफ सरकार और आईएमएफ एक दूसरे पर आरोप लगाते भी दिखे है.


3. कम हो रहा फॉरेक्स रिजर्व


आईएमएफ की डील समय पर पूरी न होने के कारण देश का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से नीचे आ रहा है. 31 मार्च, 2023 तक पाकिस्तान का फॉरेक्स रिजर्व 9.76 बिलियन डॉलर था. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (State Bank of Pakistan) के मुताबिक देश के विदेशी रिजर्व में मार्च में 36 मिलियन डॉलर की कमी दर्ज की गई थी. वहीं अप्रैल 2023 मे देश का विदेशी मुद्रा भंडार गिरकर 9.1 बिलियन डॉलर हो गया है. ऐसे में देश के पास केवल 1 महीने के इंपोर्ट बिल की ही राशि बची है.


4. बढ़ रही देश में बेरोजगारी दर


आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए बेरोजगारी बड़ी समस्या बनती जा रही है. देश के शिक्षित युवा नौकरी के लिए भटक रहे हैं. पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स (PIDI) के द्वारा जारी किए गए आंकड़ों को मुताबिक देश के 31 फीसदी से अधिक युवा बेरोजगार हो चुके हैं. इन बेरोजगार लोगों में 51 फीसदी महिलाएं और 16 फीसदी पुरुष हैं. ध्यान देने वाली बात ये है कि बेरोजगार युवाओं में डॉक्टर इंजीनियर जैसे पढ़े लिखे युवा भी शामिल हैं.


5. कम हो रही देश की जीडीपी


हाल ही पाकिस्तान की नेशनल अकाउंट कमेटी ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product) की विकास दर के अनुमान के आंकड़े जारी किए गए हैं. कमेटी ने देश की जीडीपी (Pakistan GDP Growth) के अनुमान को 2 फीसदी से कम करके 0.29 फीसदी कर दिया है. इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार डिफॉल्ट के मुहाने पर खड़े देश के लिए कम होती जीडीपी एक बड़ा खतरा है. यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2022-23 के लिए है. बता दें कि पाकिस्तान का वित्त वर्ष जुलाई से 30 जून तक चलता है.


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