Relief On Wheat Export Ban: भारत सरकार ( Indian Government) गेंहू ( Wheat) के निर्यात ( Export) पर बैन लगाने के अपने फैसले में थोड़ी राहत देने पर विचार कर रही है. माना जा रहा है कि सरकार करीब 12 लाख टन गेंहू के निर्यात की इजाजत दे सकती है. दरअसल 14 मई को सरकार ने अचानक गेंहू के निर्यात पर बैन लगाने का फैसला लिया था. जिसके बाद पोर्ट्स पर बड़ी मात्रा में गेंहू का कार्गो अटक गया है जिसे निर्यात किया जाना था. तो ट्रकों में लोड किया हुआ गेंहू पोर्ट्स जाने के रास्ते में था.
सरकार को सता रहा गेंहू खराब होने का डर
सरकार ने बैन के बाद भी 4.69 लाख टन गेंहू के निर्यात की इजाजत दी थी. बावजूद इसके पोर्ट्स पर कार्गो में 17 लाख टन गेंहू अटका हुआ है. मानसून का सीजन दस्तक दे चुका है ऐसे में पोर्ट्स पर बाहर पड़ा गेंहू खराब हो सकता है इसलिए सरकार 12 लाख टन गेंहू के निर्यात की इजाजत दे सकती है. जिस ट्रेडर्स के पास गेंहू के निर्यात के लिए लेटर ऑफ क्रेडिट (Letter Of Credit) मौजूद है उन्हें निर्यात करने की इजाजत दी जाएगी. बहरहाल और भी कई ट्रेडर्स गेंहू निर्यात करने की सरकार से अनुमति मांग रहे हैं. अगर सरकार गेंहू निर्यात की इजाजत देती है तो बांग्लादेश, नेपाल, इंडोनेशिया, फिलिपींस और श्रीलंका समेत कई देशों में गेंहू भेजा जा सकेगा.
पोर्ट पर फंसा गेहूं
दरअसल 13 मई 2022 को सरकार ने घरेलू बाजार में गेहूं की बढ़ती कीमतों और उत्पादन में गिरावट के बाद गेंहू के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. सरकार द्वारा अचानक लिए गए इस फैसले के बाद कांडला पोर्ट से लेकर दूसरे पोर्ट पर बड़ी संख्या में निर्यात के लिए जाने वाला गेंहू अटक गया. हजारों की संख्या में गेंहू से लदे ट्रक पोर्ट पर खड़े थे. पर अब सरकार ने अपने फैसले में रिआयत देते हुए ये निर्णय लिया है कि जहां कहीं भी गेहूं की खेप को जांच के लिए सीमा शुल्क विभाग को सौंप दिया गया है और 13.5.2022 को या उससे पहले उनके सिस्टम में पंजीकृत किया गया है, ऐसी खेपों को निर्यात करने दिया जाएगा. तब केंद्र सरकार ने Egypt जाने वाली गेहूं की खेप को भी निर्यात की अनुमति दे दी थी जो पहले से ही कांडला बंदरगाह पर लोड हो रहा था. रअसल Egypt की सरकार ने भारत सरकार से कांडला बंदरगाह पर लदान किए जा रहे गेहूं के निर्यात को अनुमति देने का अनुरोध किया था.
गेंहू की बढ़ती कीमतें के चलते लगा बैन
भारत सरकार ने देश में खाद्य सुरक्षा स्थिति का प्रबंधन करने और पड़ोसी और कमजोर देशों की जरूरतों को पूरा करने के लिए गेहूं के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया था. जो गेंहू के वैश्विक बाजार में अचानक बदलाव और पर्याप्त गेहूं की आपूर्ति ना होने से प्रभावित हैं. ये आदेश उन मामलों में लागू नहीं होगा जहां निजी व्यापार द्वारा गेहूं की सप्लाई की कमिटमेंट की जा चुकी है या फिर जिन देशों के खाद्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन देशों के अनुरोध पर गेंहू भेजा जा रहा था. वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक इस आदेश के जरिए तीन मुख्य उद्देश्यों को पूरा किया जा सकेगा जिसमें भारत की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना और मुद्रास्फीति पर नियत्रंण के अलावा उन देशों की मदद करना जो अनाज की कमी से जूझ रहे हैं. ये आपूर्तिकर्ता के रूप में भारत की विश्वसनीयता बनाए रखेगा साथ ही आदेश का उद्देश्य गेहूं की आपूर्ति की जमाखोरी को रोकने के लिए गेहूं बाजार को एक स्पष्ट दिशा प्रदान भी करेगा.
ये भी पढ़ें