भारत आर्थिक सुस्ती और मंदी के इस दौर में पूरी दुनिया के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरा है. जब दुनिया मंदी की चपेट में जाने से बचने के लिए संघर्ष कर रही है, भारत सबसे तेज गति से तरक्की करने वाली प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्था बना हुआ है. यही कारण है कि हाल-फिलहाल में भारत का कद तेजी से बढ़ा है. कई संस्थानों का मानना है कि आने वाले कुछ सालों में भारत न सिर्फ जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ देगा, बल्कि चीन और अमेरिका भी भारत से पीछे छूट जाने वाले हैं.


भारत को लेकर बढ़ी दुनिया की आशा


गोल्डमैन, एसबीआई और एसएंडपी जैसे संस्थानों के अलावा कई देसी-विदेशी दिग्गज पिछले कुछ दिनों में ऐसी बातें दोहरा चुके हैं. किसी का मानना है कि 2075 तक भारत अमेरिका को पीछे छोड़ देगा, तो किसी का कहना है कि 2047 में ही भारत चीन से आगे निकल जाएगा. चीन से भारत के आगे निकलने की बात पर दिग्गज उद्योगपति आनंद महिंद्रा भी सहमत दिखते हैं.


इस मौके पर आनंद महिंद्रा ने की टिप्पणी


भारत की तरक्की और आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरने को लेकर हमेशा आशावान रहने वाले आनंद महिंद्रा ने हाल ही में इस संबंध में बड़ी बातें कही हैं. वह वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही के लिए अपने कारोबारी समूह महिंद्रा एंड महिंद्रा के वित्तीय परिणामों के ऐलान के मौके पर जमा हुए लोगों को संबोधित कर रहे थे.


बहुत कम फासले से हम पीछे


इस मौके पर आनंद महिंद्रा ने कहा कि भारत को हालिया भू-राजनीतिक तनावों से काफी फायदा हो रहा है और उसके कारण कई मैन्यूफैक्चरर चीन को छोड़ भारत की ओर आकर्षित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब भारत की मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियां बहुत कम फासले से पीछे हैं और वे जल्दी ही दुनिया की फैक्ट्री के रूप में चीन को बेदखल कर सकते हैं.


इस कारण भारत आ रहीं बड़ी कंपनियां


हालांकि आनंद महिंद्रा ने साथ में यह भी दोहराया कि भारत के चीन से आगे निकलने का एकमात्र कारण भू-राजनीतिक तनाव ही नहीं है. उन्होंने साफ किया कि इसमें अर्थव्यवस्था की बड़ी भूमिका है. उन्होंने कहा कि भारत में विनिर्माण की लागत दुनिया में सबसे कम है. यही कारण है कि Apple, Samsung, Boeing और Toshiba जैसी कंपनियों ने अपने विनिर्माण के बड़े हिस्से को अब भारत में शिफ्ट कर दिया है.


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