Gems & Jewellery Export in FY 2024: भारत में सोने-चांदी समेत अन्य धातुओं और हीरे-जवाहरात का बहुत क्रेज रहता है. देश में न सिर्फ हर साल बड़ी संख्या में लोग हीरे-जवाहरात खरीदते हैं बल्कि इसकी दुनियाभर में खूब मांग भी रहती है. मगर वित्त 2024 में हीरे-जवाहरात के निर्यात के मामले में कुछ निराशा हाथ लग सकती है. रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद यानी जीजेईपीसी (GJEPC) के आंकड़ों के मुताबिक इस साल देश का ज्वेलरी और कीमती धातु एक्सपोर्ट 10 से 15 फीसदी तक कम रहने वाला है. वहीं वित्त वर्ष 2023 की बात करें तो पिछले साल हीरे-जवाहरात के निर्यात में 2.48 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई थी और यह 3,00,462.52 करोड़ तक पहुंच गया था.


GJEPC ने 2017 में मिस वर्ल्ड चुनी गई मानुषी छिल्लर को अपना ब्रांड एंबेसेडर बनाया है. अब वह दुनिया भर में भारतीय रत्न एवं आभूषण को प्रोमोट करने में अहम भूमिका निभाएंगी.


GJEPC के अध्यक्ष ने कहीं यह बात


वित्त वर्ष 2024 में ज्वैलरी और जेम्स के निर्यात के आंकड़ों के बारे में जानकारी देते हुए GJEPC के अध्यक्ष विपुल शाह ने बताया कि इस साल इसके निर्यात में 10 से 15 फीसदी की गिरावट दर्ज की जा सकती है और यह 42 बिलियन डॉलर रहने की संभावना है. ध्यान देने वाली बात ये है कि भारत के हीरे-जवाहरात का सबसे बड़े खरीदार देश चीन और अमेरिका हैं. आर्थिक सुस्‍ती, ब्याज दरों में बढ़त आदि के कारण इस साल हीरे-जवाहरात की मांग मार्केट में कम हुई है. ऐसे में GJEPC को यह उम्मीद है कि इस साल कुल निर्यात में 10 से 15 फीसदी की भारी कमी देखने को मिल सकती है. शाह ने कहा कि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए जीजेईपीसी कई ठोस कदम उठा रहा है. इसके लिए विभिन्‍न देशों में रोडशो भी किया जा रहा है. वियतनाम, कंबोडिया, इंडोनेशिया जैसे देशों में हम विस्‍तार करना चाहते हैं. 


बड़े पैमाने पर होता है हीरे का निर्यात


ध्यान देने वाली बात ये है कि भारत से हर साल होने वाले हीरे-जवाहरात के निर्यात में 55 फीसदी हिस्सा हीरे का होता है. भारत हीरे के बड़े निर्यातक देशों में से एक है. इस साल वाणिज्य मंत्रालय ने GJEPC को हीरे जवाहरात के निर्यात के लिए 42 बिलियन डॉलर का लक्ष्य तय किया था, लेकिन इस साल तय लक्ष्य से आकड़ा बहुत कम होने की उम्मीद है.


ये भी पढ़ें-


Dal Price: खुशखबरी! दाल की कीमतों पर लगेगी लगाम, सरकार ने लॉन्च की 60 रुपये किलो वाली 'भारत दाल'