Free Trade Agreement Between India and Australia: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापार को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता (Free Trade Agreement- FTA) 29 दिसंबर 2022 से लागू होने जा रहा है. पिछले हफ्ते ऑस्ट्रेलियाई संसद ने भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement -FTA) को मंजूरी दी थी. ऐसे समझौतों को लागू करने के लिए पहले ऑस्ट्रेलियाई संसद की मंजूरी की आवश्यकता थी जो अब मिल गई है. इस समझौते के बाद भारतीय कारोबारियों को कितना फायदा होने वाला है? इस पर सबकी निगाहे है.


45-50 अरब डॉलर कारोबार 
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापार समझौते को लेकर ऑस्ट्रेलिया के व्यापार और पर्यटन मंत्री डॉन फैरेल ने बुधवार को जानकारी दी है. फैरेल ने कहा कि इस कदम से 5 साल में द्विपक्षीय व्यापार दोगुना होकर 45-50 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा. उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया-भारत आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ईसीटीए) के क्रियान्वयन के जरिए अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा किया जाएगा.


ये होगा फायदा
एफटीए लागू होने के बाद कपड़ा, चमड़ा, फर्नीचर, आभूषण और मशीनरी सहित भारत के 6,000 से अधिक उत्पादों को ऑस्ट्रेलियाई बाजार में ड्यूटी फ्री पर उपलब्ध कराया जाएगा. इस समझौते के तहत, ऑस्ट्रेलिया लगभग 96.4 प्रतिशत निर्यात के लिए भारत को शून्य सीमा शुल्क पहुंच की पेशकश कर रहा है. अभी ऑस्ट्रेलिया में 4 से 5 प्रतिशत का ड्यूटी फ्रीस लगती है. भारत ने वित्तवर्ष 2021-22 में ऑस्ट्रेलिया को 8.3 अरब डॉलर का माल निर्यात, 16.75 अरब डॉलर का आयात किया था.


ड्यूटी फ्री एक्सपोर्ट 
ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्री ने कहा कि भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया का व्यापार समझौता 29 दिसंबर, 2022 से ऑस्ट्रेलिया की कंपनियों और उपभोक्ताओं को नए बाजार तक पहुंच के अवसर उपलब्ध कराएगा. इस समझौते पर इस साल 2 अप्रैल को हस्ताक्षर किए गए थे. समझौते के तहत ऑस्ट्रेलियाई बाजार में कपड़ा, चमड़ा, फर्नीचर, आभूषण और मशीनरी सहित 6,000 से अधिक व्यापक क्षेत्रों के भारतीय एक्सपोर्टरों को ड्यूटी फ्री की सुविधा मिलेगी.


ऑस्ट्रेलियाई संसद से मिली मंजूरी
पिछले ही ऑस्ट्रेलियाई संसद ने हफ्ते भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को मंजूरी दी थी. भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (एआई-ईसीटीए) को लागू करने से पहले ऑस्ट्रेलियाई संसद द्वारा मंजूरी की आवश्यकता थी. भारत में इस तरह के समझौतों को केंद्रीय मंत्रिमंडल मंजूरी देता है. 


भारत ने दी प्रतिक्रिया 
इस मौके पर वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट में कहा कि दोनो देशों की गहरी दोस्ती के चलते, यह हमारे लिए व्यापार संबंधों को पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ाने और बड़े पैमाने पर आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए मंच तैयार करता है.


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