Income Tax Return: अगर इनकम टैक्‍स रिटर्न में फर्जी कटौती या छूट का दावा किया है तो आप मुसीबत में पड़ सकते हैं. हाल ही में कई रिपोर्ट में कहा गया है कि आयकर विभाग सैलरी पाने वाले टैक्‍सपेयर्स को नोटिस भेजकर आईटीआर में उनकी ओर से क्‍लेम की गई टैक्‍स छूट और कटौती का प्रमाण मांग रहा है. ऐसे में दावा किए गए प्रमाण की जानकारी गलत होने पर आयकर विभाग उचित कार्रवाई कर सकता है. 


आयकर रिटर्न भरते वक्‍त टैक्‍सपेयर्स को कटौती का दावा करने के लिए पुरानी टैक्‍स व्‍यवस्‍था का विकल्‍प चुनना होता है. इसी के तहत कटौती का दावा किया जा सकता है. हालांकि एक्‍सपर्ट का कहना है कि अपनी आय रिटर्न में फर्जी या फर्जी कटौती का दावा करने वाले टैक्‍सपेयर आयकर विभाग का ध्यान आकर्षित कर सकते हैं और उन्हें नोटिस भेजा जा सकता है. 


नोटिस मिलने पर क्‍या करें 


अगर आयकर विभाग आपको नोटिस भेज रहा है तो टैक्‍स एक्‍सपर्ट का कहना है कि वेतनभोगी व्‍यक्तियों को आयकर विभाग के किसी भी नोटिस का समय पर जवाब देना तय करना चाहिए. अगर देरी से नोटिस का जवाब देते हैं तो मामला बिगड़ सकता है. इसके अलावा, अगर इनकम टैक्‍स की ओर से छूट का सबूत मांगा गया है तो टैक्‍सपेयर्स को सभी सहायक दस्तावेज जैसे कोई प्रासंगिक रसीदें, वाउचर, चालान या कोई अन्य दस्तावेज देने होंगे. 


कितने समय में देता होता है जवाब 


नोटिस प्राप्त करने के बाद टैक्‍सपेयर्स को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय मिलता है. हालांकि अगर वे निर्धारित समय सीमा के भीतर जवाब देने में असमर्थ हैं तो वे स्थानीय मूल्यांकन अधिकारी से समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध कर सकते हैं.


आयकर नोटिस का कैसे दें जवाब 


आयकर विभाग के नोटिस का समय पर जवाब देना उचित है. अगर समय पर जवाब नहीं देते हैं तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. नोटिस किस बारे में है यह जानकारी बेहद महत्‍वपूर्ण है. ऐसे में सभी दस्‍तावेजों को जुटा लेना चाहिए. किसी भी चार्टर्ड अकाउंटेंट से सलाह ले सकते हैं. जवाब का मसौदा तैयार करें, फिर नोटिस में दिए गए तरीके से अपना जवाब स‍बमिट कर दें. 


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