ICICI Bank-Videocon Loan Fraud Case: आईसीआईसीआई बैंक- वीडियोकॉन लोन फ्रॉड केस में जमानत मिलने के बाद आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर चंदा कोचर को मुंबई में जेल से रिहा कर दिया गया है. कल 9 जनवरी को बॉम्बे हाई कोर्ट ने ICICI बैंक की पूर्व CEO चंदा कोचर और उनके पति दीपक को जमानत दे दी थी.


चंदा कोचर (Chanda Kochhar) और उनके व्यवसायी-पति दीपक कोचर (Deepak Kochhar) को बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay Highcourt) ने कल जमानत देते हुए अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि इनकी गिरफ्तारी कानून के मुताबिक नहीं हुई है. अदालत ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए जमानत का आदेश दे दिया. 



कोचर दंपति के वकील रोहन दक्षिणी ने कहा कि अदालत ने उन्हें इस आधार पर जमानत दी है कि गिरफ्तारी अवैध थी. धारा 41ए के तहत जारी नोटिस के अनुपालन में सीबीआई के सामने चंदा और दीपक पेश हुए थे. इसके तहत, अगर कोई शख्स पेश होता है तो उसे तब तक गिरफ्तार नहीं किया जा सकता जब तक ये नहीं पाया जाए कि वो सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं.


3,250 करोड़ के लोन में अनियमितता बरतने का आरोप है


ऐसा आरोप है कि वीडियोकॉन के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत ने 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से वीडियोकॉन समूह को 3,250 करोड़ रुपये का कर्ज मिलने के बाद कथित तौर पर नूपावर में करोड़ों रुपये का निवेश किया. साल 2019 में सीबीआई ने फआईआर दर्ज करने के बाद एक बयान में कहा था कि आरोपियों ने आईसीआईसीआई बैंक को धोखा देने के लिए आपराधिक साजिश में निजी कंपनियों को कुछ लोन मंजूर किए थे.


2018 में चंदा कोचर ने छोड़ा था CEO का पद


चंदा कोचर ने अक्टूबर 2018 में आईसीआईसीआई बैंक के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में इस्तीफा दे दिया था. उन पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने एक वीडियोकॉन ग्रुप को फेवर किया था.


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