Home Budget After Revised GST: खाने पीने के आइटम और पहले से पैक किए गए खाद्य पदार्थों पर 5 फीसदी जीएसटी लगने के बाद अब उनकी कीमतों में इजाफा हो जाएगा. वे सभी उत्पाद, जिन पर जीएसटी दरों को बढ़ाया गया है, वे ऐसे आइटम हैं, जिनका दैनिक उपभोग किया जाता है. मौजूद आंकड़ों के मुताबिक यह अनुमान है कि घरेलू बजट में हर महीने 1000 रुपये से अधिक का इजाफा होने की संभावना है.


आटा-चावल होंगे इतने महंगे
अब आटा, चावल और दाल महंगी हो जाएंगे. उदाहरण के लिए 20 किलो के आटे की कीमत 630 रुपये से 650 रुपये हो जाएगी, जो पहले 600 रुपये प्रति बैग थी. इसके अलावा परिष्कृत (रिफाइंड) आटे की कीमतों में भी इजाफा होगा. इसी तरह चावल, जिसकी कीमत 25 किलो के बैग के लिए 1300 से 1600 रुपये है, उसकी कीमत 1400 रुपये से 1800 रुपये होगी.


प्रति किलो दाल के लिए 5-7 रुपये ज्यादा देने होंगे
दालों की कीमत 5 से 7 रुपये प्रति किलो अधिक होगी. आटा मिल मालिकों का कहना है कि जीएसटी से पहले एक क्विंटल की कीमत लगभग 2600 रुपये थी, लेकिन अब रिटेल विक्रेता को 2730 रुपये खर्च करने होंगे.


2014 के मुकाबले इतने महंगे हुए कुछ खाद्य पदार्थ
दर में 5 फीसदी की बढ़ोतरी का असर मार्च 2014 की तुलना में दर के हिसाब से हर घर पर पड़ेगा. आटा जिसकी कीमत 20 रुपये प्रति किलो थी, अब 28 रुपये की कीमत हो चुकी है, इसी तरह 400 ग्राम दही की कीमत अब 40 रुपये है, जबकि देसी घी की कीमत लगभग 650 रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाएगा, जो कि 2014 के आसपास 350 रुपये प्रति किलो था.


गैर खाद्य पदार्थ के अलावा ये चीजें भी होंगी महंगी
खाद्य पदार्थ ही नहीं, बल्कि साबुन और डिटर्जेंट से लेकर सरसों और सूरजमुखी के तेल की कीमत भी अब ज्यादा होगी.


पूर्व-पैक और पूर्व-लेबल वाले खाद्यान्न, मछली, पनीर, लस्सी, शहद, गुड़, गेहूं का आटा, छाछ, अनफ्रोजन मीट/मछली, और मुरमुरे (मुरी) के लिए छूट वापस लेने के कारण दर में वृद्धि की गई है. इन पर अब ब्रांडेड वस्तुओं के बराबर 5 फीसदी कर लगेगा. इसके अलावा होटल और अस्पताल के बिल बढ़ेंगे. नई संशोधित दरों ने होटल में ठहरने के लिए प्रतिदिन 1,000 रुपये तक की छूट वापस ले ली है. अब इस पर 12 फीसदी टैक्स लगेगा. ऐसे में अब उपभोक्ता को एक होटल के 1000 रुपये के बिल पर 120 रुपये अधिक चुकाने होंगे. वहीं अस्पतालों में गैर आईसीयू बेड, जो प्रतिदिन 5000 रुपये से अधिक हैं, वे महंगे होंगे.


स्याही, चाकू, पेंसिल के दाम भी बढ़ेंगे
स्याही, चाकू, पेंसिल के दाम भी बढ़ जाएंगे. प्रिंटिंग, राइटिंग या ड्रॉइंग इंक, कटिंग ब्लेड वाले चाकू, चम्मच, कांटे, पेपर चाकू, पेंसिल शार्पनर और एलईडी लैंप पर जीएसटी 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है. सोलर वॉटर हीटर पर 18 फीसदी टैक्स लगेगा.


टेट्रा पैक पर लगेगा ज्यादा टैक्स
पेय पदार्थ भी बढ़े हुए टैक्स से नहीं बच पाए हैं. तरल पेय और डेयरी उत्पादों की पैकेजिंग के लिए उपयोग किए जाने वाले टेट्रा पैक पर अब 12 फीसदी के बजाय 18 फीसदी जीएसटी लगेगा.


कृषि उत्पादों और कुछ मशीनरी पर लगेगा 18 फीसदी जीएसटी
कृषि के लिए उत्पाद और मशीनों की बात करें तो कृषि उद्देश्यों के लिए विशेष रूप से बीज की सफाई, छंटाई और ग्रेडिंग के लिए उपयोग की जाने वाली मशीनों की दर, कुटीर उद्योग आटा चक्की में उपयोग की जाने वाली मशीनें जो पवन ऊर्जा और गीली ग्राइंडर से संचालित होती हैं, पर 18 फीसदी जीएसटी लगेगा, जो पहले महज 6 फीसदी था.


सबमर्सिबल पंप 6 फीसदी महंगे होंगे
क्लीनिंग अंडों की छंटाई, फ्रूट एंड मिल्किंग मशीनों और डेयरी मशीनरी में इस्तेमाल होने वाले अन्य उपकरणों पर जीएसटी 6 फीसदी बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है. बिजली से चलने वाले पंप जैसे सेंट्रीफ्यूगल पंप, डीप ट्यूबवेल टर्बाइन पंप, सबमर्सिबल पंप 6 फीसदी महंगे होंगे.


वित्तीय सेवाएं और कार्य अनुबंध के बारे में बात करें तो उनमें सड़क, पुल, रेलवे, मेट्रो आदि के लिए काम का अनुबंध शामिल है, जिस पर अब 18 फीसदी कर लगेगा. इसके अलावा आरबीआई, आईडीआरए और सेबी सेवाओं पर भी जीएसटी में बढ़ोतरी होगी.


सेबी सेवाओं पर भी जीएसटी में बढ़ोतरी होगी
दरों में कटौती पर बात की जाए तो माल और रोपवे के परिवहन पर जीएसटी को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है. जिन ट्रकों या मालवाहक वाहनों में ईंधन की लागत शामिल है, उनका किराया कम होगा, क्योंकि कर 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी कर दिया गया है.ओस्टोमी उपकरणों और आर्थोपेडिक उपकरणों पर जीएसटी 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है.


कैसीनो पर जीएसटी की समीक्षा जारी
कैसीनो पर जीएसटी की समीक्षा की जा रही है. मंत्रियों के समूह ने कैसीनो, घुड़दौड़ और लॉटरी पर एक समान 28 फीसदी जीएसटी को अंतिम रूप दिया था. इस निर्णय की समीक्षा की गई है, और मंत्रियों के समूह को अपने निर्णय की समीक्षा के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है.


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