SMEs On Hiring Spree In India : साल 2022 में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के जाने के बाद से देश में हालत कुछ सामान्य रहे, जिसका असर नौकरियों पर देखने को मिला है. भारतीय व्यापार जगत में नौकरी के आवेदनों में एक दम उछाल देखा गया, क्योंकि 2022 सभी क्षेत्रों में नौकरी के अवसरों के लिए सर्वश्रेष्ठ रहा है. छोटे और मध्यम उद्यमों (SMBs) और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) की अधिकांश कंपनियों ने खूब भर्तियां की है.


क्या है रिपोर्ट 


एक प्रोफेशनल नेटवर्किंग और जॉब प्लेटफॉर्म Apna.co की रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष 12 मिलियन से अधिक प्रोफेशनल्स ने प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण किया, जिससे 2022 में 67 प्रतिशत (वर्ष-दर-वर्ष) यूजर्स की संख्या बढ़ गई है. मार्केट खुलने के बावजूद प्रोफेशनल्स अभी भी वर्क-फ्रॉम-होम जॉब कर रहे हैं.


नौकरियों में 60 फीसदी इजाफा 


छोटे और मध्यम व्यवसायों (SMB) द्वारा पोस्ट की गई नौकरियों में 60 प्रतिशत सालाना वृद्धि देखी गई है. इसमें टियर 1 और 2 शहरों से उभरते छोटे व्यवसायों ने अकेले 2022 में 2.1 मिलियन से अधिक नौकरियां पोस्ट की है.


इन शहरों में मिली नौकरी 


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ये नौकरी उभरते हुए छोटे व्यवसाय दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, बेंगलुरु, पुणे, अहमदाबाद और जयपुर में मिली हैं. टियर 2 शहरों में अधिकतम नौकरी के आवेदन देखे गए है/ इसमें भोपाल, इंदौर, भुवनेश्वर, रांची और कानपुर शामिल है. इन शहरों में साल भर में एसएमबी द्वारा पोस्ट की गई कुल नौकरियों का 40 प्रतिशत था.


MSMEs मंत्री ने बताए आंकड़े


वही दूसरी संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान, MSMEs राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने MSMEs में रोजगार के डेटा को साझा किया है. उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में शामिल इकाइयों में 1.31 करोड़ लोग कार्यरत थे, जो कि 98 प्रतिशत अधिक था. FY20 या पूर्व-कोविड वर्ष में MSMEs में पंजीकृत 66.2 लाख कर्मचारी और वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 16 प्रतिशत अधिक. मंत्री वर्मा द्वारा साझा किया डेटा उद्यम पंजीकरण पोर्टल पर देख सकते है. 


2025 तक 5 करोड़ नई नौकरियां जोड़ना 


राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (NSS) के अनुसार, केंद्र की मोदी सरकार का लक्ष्य 2025 तक एमएसएमई क्षेत्र में 5 करोड़ नई नौकरियां जोड़ना है, जो पहले से ही प्रदान की गई 11 करोड़ नौकरियां हैं. मंत्री भानु सिंह वर्मा ने कहा था कि एमएसएमई भारत के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 30 प्रतिशत और निर्यात से उत्पन्न आय का 50 प्रतिशत हिस्सा योगदान करते हैं.


 


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