Diwali 2022: दो वर्षों के बाद ये पहली दिवाली (Diwali 2022) है जो बिना कोरोना बंदिशों के मनाया जा रहा है. इसके चलते बाजार में बेहद रौनक भी है. लेकिन इस दिवाली महंगाई की मार दिवाली मनाने के लोगों के उत्साह पर पानी फेरने का काम रही है. दिवाली साल में एक बार ही आती है इसलिए महंगाई के बावजूद लोगों को खरीदारी करनी पड़ी रही है. लेकिन इससे लोगों के घर का बजट जरुर बिगड़ रहा है. 


बीते एक साल में कई बार दूध पनीर के दाम बढ़ चुके हैं. पैक्ड फूड्स पर जीएसटी भी जुलाई 2022 में बढ़ी है. महंगे डीजल-सीएनजी के चलते माल ढुलाई महंगी हुई तो कंपनियों ने इसका भार सीधे कस्टमर की जेब पर डालने में कोई कोताही नहीं बरती है.  


दिवाली पर महंगाई की मार
मिठाईयां - पिछली दिवाली के मुकाबले इस दिवाली पर मिठाईयों के दाम बढ़े हैं. बीते एक साल में मिठाई बनाने के सबसे जरुरी, दूध महंगा हुआ है. इसके चलते मावा, छेना के दाम बढ़े हैं. गेंहू - चीनी और ड्राई फ्रूट्स भी बीते एक साल में महंगा हुआ है जिसके चलते दिवाली पर मिठाई खरीदने के लिए आपको अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ रही है. जो काजू कतली पिछली दिवाली पर 800 रुपये किलो में मिल रही थी उसकी कीमत इस दिवाली पर 1000 रुपये किलो हो चुकी है. जो मिल्क केक पिछले साल 450 रुपये किलो में मिल रहा था उसकी कीमत इस वर्ष 600 रुपये किलो हो चुकी है. 


ड्राई फ्रूट्स - बीते एक वर्ष में ड्राई फ्रूट्स बहुत महंगा हुआ है. बीते वर्ष जो काजू 700 से 800 रुपये प्रति किलो में मिल रहा था वो अब 1200 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है. बादाम (Almonds) भी बीते एक वर्ष में महंगा हुआ है. बीते वर्ष दिवाली पर बादाम 500 रुपये से 700 रुपये प्रति किलो में मिल रहा था वो अब 800 से 1000 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है. किशमिश के दाम भी बढ़े हैं. 500 रुपये किलो में मिलने वाला किशमिश 600 रुपये किलो में मिल रहा है. ड्राई फ्रूट्स के महंगा होने के चलते रिश्तेदारों दोस्तों को उपहार देने के लिए ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ रहा है. महंगे ड्राईफ्रूट्स के चलते मिठाईयां और चॉकलेट्स भी महंगी हुई है. 


दूध - बीते एक साल में डेयरी कंपनियों ने लागत का हवाला देते हुए कई बार दूध के दाम बढ़ाये हैं. महंगे दूध के चलते खोआ-पनीर, छेना, घी, दही के दाम बढ़े हैं. दूध से मिठाईयां बनती है तो इसका सीधा असर दूध से बनने वाली चीजों की कीमतों पर पड़ा है. दूध के दाम में औसतन 15 से 25 फीसदी तक की बढ़ोतरी पिछली दिवाली के बाद से देखने को मिली है. जिसका चलते इस दिवाली पर लोगों की जेब कट रही है. 


घी- मिठाईयां या फिर त्योहारों में पकवान बनाने के लिए घी सबसे जरुरी है. दिवाली पर लोग घी के दीपक भी जलाते हैं. लेकिन दूध के महंगा होने के चलते घी के दाम एक साल में जबरदस्त बढ़े हैं. पिछली दिवाली पर 400 से 450 रुपये प्रति किलो में मिलने वाला घी इस दिवाली 525 से लेकर 600 रुपये किलो पर जा पहुंची है. 


पनीर - त्योहारों के दौरान पनीर का उपयोग बढ़ जाता है. लेकिन दूध की ऊंची कीमत के चलते पनीर बहुत महंगा हो गया है. चाहे ब्रांडेड पनीर हो या गैर ब्रांडेड दोनों ही दाम बढ़े हैं. बीते वर्ष दिवाली पर 350 रुपये प्रति किलो में मिल रहा पनीर इस दिवाली पर 400 से 450 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है. 


इलेक्ट्रिक लाइट्स - दिवाली पर दीपक जलाने के लिए तेल की जरुरत पड़ती है. लेकिन महंगे तेल के चलते लोग इलेक्ट्रिक लाइट्स खरीद रहे हैं. बढ़ती मांग के मद्देनजर ट्रेडर्स ने इस वर्ष इलेक्ट्रिक लाइट्स के दाम बढ़ा दिए है. जिस लाइट्स की कीमत 300 से 400 रुपये बीते वर्ष थी उसकी कीमत इस वर्ष 600 से 700 रुपये हो चुकी है.  







 






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