Har Ghar Tiranga Abhiyan : देशभर में भारतीय तिरंगा फहराने के लिए एक नए जोश के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा शुरू किए हर घर तिरंगा अभियान (Har Ghar Tiranga Abhiyan) ने लोकल पर वोकल और आत्मनिर्भर भारत की पहल को बढ़ावा दिया है. 


30 करोड़ राष्ट्रीय ध्वज की हुई बिक्री 
तिरंगा को लेकर जताए अनुमान से कहीं ज्‍यादा हर घर तिरंगा अभियान से देशभर में इस बार 30 करोड़ से अधिक राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री हुई है. वहीं इससे लगभग 500 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है.


राष्ट्रभक्ति से जुड़ा अभियान 
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation of All India Traders) का कहना है कि राष्ट्रभक्ति और स्व-रोजगार से जुड़े इस अभियान ने पूरे देश में लोगों के बीच देशभक्ति की एक अद्भुत भावना और कोऑपरेटिव व्यापार (Cooperative Business) की बड़ी संभावनाएं पैदा हो रही हैं. तिरंगा के प्रति लोगों के समर्पण और उत्साह को देखते हुए कैट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस वर्ष के 15 अगस्त 2022 से 15 अगस्त 2023 तक की अवधि को भारत की स्वतंत्रता के समाप्त होने पर स्वराज वर्ष के रूप में घोषित करने की अपील की है.


3000 से अधिक हुए तिरंगा कार्यक्रम 
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल का कहना है कि पिछले 15 दिनों के दौरान, पूरे देश में कैट के झंडे तले बड़ी संख्यां में व्यापारी संगठनों ने 3000 से अधिक तिरंगा कार्यक्रम आयोजित किए जिनमें बड़ी संख्या में लोगों ने ऊर्जा और स्वेच्छा से भाग लिया. 


20 दिन में 30 करोड़ तिरंगे बनाये 
दोनों ही व्यापारी नेताओं ने कहा कि हर घर तिरंगा आंदोलन ने भारतीय उद्यमियों की क्षमता को भी दर्शाया है. जिन्होंने देश के लोगों की तिरंगे की अभूतपूर्व मांग को पूरा करने के लिए लगभग 20 दिनों के रिकॉर्ड समय में 30 करोड़ से अधिक तिरंगे का निर्माण किया. कैट के आह्वान पर देशभर में व्यापारी संगठनों ने सभी राज्यों में रैलियों, मार्च, मशाल जुलूस, तिरंगा गौरव यात्रा, सार्वजनिक सभाओं और सम्मेलनों सहित बड़े तिरंगा कार्यक्रम आयोजित कर देशभक्ति की भावना का प्रवाह किया. 


10 लाख लोगों को मिला रोजगार 
भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा फ्लैग कोड में पॉलिएस्टर और मशीनों से झंडे बनाने की अनुमति में किए गए बदलाव ने भी देश भर में झंडों की आसान उपलब्धता में बहुत योगदान दिया है. पहले भारतीय तिरंगे को केवल खादी या कपड़े में बनाने की अनुमति थी. देश में 10 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया, जिन्होंने अपने घर में या छोटे स्थानों पर स्थानीय दर्जी की सहायता से बड़े पैमाने पर तिरंगा झंडा बनाया.


क्या है साइज 
एसएमई विनिर्माण और व्यापार क्षेत्र (SME Manufacturing and Trading Sector) ने भारतीय ध्वज तैयार करने में दिन-रात काम किया है. ध्वज के आकारों में 6800×4200 मिमी, 3600 x 2400 मिमी, 1800×1200 मिमी, 1350×900 मिमी, 900×600 मिमी, 450×300 मिमी, 225×150 मिमी और 150×100 मिमी शामिल हैं. पिछले वर्षों में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, भारतीय तिरंगे की वार्षिक बिक्री लगभग 150-200 करोड़ रुपये तक सीमित थी. जबकि हर घर तिरंगा आंदोलन ने बिक्री को कई गुना बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये कर दिया है.


20 दिनों में तिरंगा अभियान
भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि देशभर में पिछले 20 दिनों में तिरंगा अभियान के प्रति लोगों के उत्साह और देशभक्ति को देखते हुए सरकार को विभिन्न क्षेत्रों के संगठनों के साथ पीपीपी मॉडल में भारत की मूल कला और व्यापारिक दक्षताओं को जगाने के लिए अभियान चलाना चाहिए, जिसका मूल उद्देश्य राष्ट्र सर्वोपरि हो. देश के युवाओं को स्वतंत्रता प्राप्त करने में लोगों द्वारा किए बलिदानों को बताने और स्वराज वर्ष में 1 साल की लंबी श्रृंखला देश की स्वतंत्रता के बारे में भावना और आत्मविश्वास को आत्मसात करना जरूरी है. 


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