GST: जीएसटी कलेक्शन अच्छा रहने के बावजूद राज्यों की रेवेन्यू ग्रोथ चालू वित्त वर्ष में घटकर सात से नौ फीसदी रह सकती है. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है. यह रिपोर्ट सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 90 फीसदी योगदान देने वाले 17 राज्यों के आकलन के बाद तैयार की गई. एजेंसी ने कहा कि केंद्रीय टैक्स में राज्यों की हिस्सेदारी चालू वित्त वर्ष में और बढ़ सकती है. इसके असर से राज्यों की रेवेन्यू ग्रोथ कम रहने का अनुमान है जबकि संपूर्ण जीएसटी कलेक्शन में अच्छा इजाफा रहने की उम्मीद है. 


जीएसटी कलेक्शन बढ़ने के बावजूद राज्यों की रेवेन्यू ग्रोथ घटकर 7-9 फीसदी रहेगी-रिपोर्ट
जीएसटी कलेक्शन को लेकर दी गई रिपोर्ट में बताया गया कि 2020-21 में महामारी के प्रकोप के दौरान रेवेन्यू ग्रोथ कम थी और उसकी तुलना में 2021-22 में यह 25 फीसदी के बेहतर स्तर पर रही. क्रिसिल ने रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में टैक्स अच्छा रहने से रेवेन्यू ग्रोथ को बल मिलेगा. राज्यों को मिलने वाले राजस्व में 45 फीसदी हिस्सेदारी जीएसटी कलेक्शन और केंद्र से ट्रांसफर को मिलाकर होती है और इसके दहाई अंक (10 फीसदी या इससे ज्यादा) में बढ़ने का अनुमान है.


स्टेट जीएसटी कलेक्शन में जोरदार इजाफा हुआ
एजेंसी के सीनियर डायरेक्टर अनुज सेठी ने कहा कि रेवेन्यू ग्रोथ को सबसे ज्यादा बल समूचे राज्य जीएसटी कलेक्शन से मिलेगा जो 2021-22 में 29 फीसदी बढ़ गया. उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि विकास की तेज गति कायम रहेगी और कलेक्शन चालू वित्त वर्ष में और 20 फीसदी बढ़ेगा. अनुपालन का स्तर बेहतर होने, बढ़ती हुई महंगाई दर का माहौल और लगातार आर्थिक विकास इसमें मददगार होगा."


फ्यूल टैक्स में किसी बदलाव की संभावना नहीं- रिपोर्ट
पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की बिक्री से मिलने वाले टैक्स कलेक्शन की ग्रोथ रेट 8 से 9 फीसदी राज्यों की विकास दर पर प्रतिकूल असर डालने वाले कारण साबित होंगे, क्रिसिल की रिपोर्ट में ऐसी आशंका जताई गई है. वहीं फ्यूल टैक्स कलेक्शन लगभग बिना बदलाव के बने रहने का अनुमान है क्योंकि बिक्री में 25 फीसदी की बढ़ोतरी के बावजूद राज्यों को टैक्स में कटौती की वजह से इसका फायदा नहीं मिल पाएगा.


ये भी पढ़ें


Petrol Diesel Rate: कच्चा तेल 101 डॉलर के पार, क्या देश में बढ़े पेट्रोल डीजल के रेट, चेक करें आज के भाव


Unemployment In Urban India: बेरोजगारी ने बढ़ाई शहरी भारतीयों की चिंता, सर्वे में खुलासा