Import Duty on Edible Oil: खाद्य मंत्रालय ने कहा कि विशिष्ट खाद्य तेलों पर रियायती आयात शुल्क की अवधि बढ़ाकर मार्च 2023 तक कर दी गई है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने खाद्य तेलों की घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और खुदरा कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए 31 अगस्त, 2022 को यह फैसला लिया था. सरकार ने पिछले साल भर में खाद्य तेल की कीमतों में उच्च स्तर पर रहने के साथ घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए कई मौकों पर पाम तेल पर आयात शुल्क में कटौती की थी.


विशिष्ट खाद्य तेलों पर रियायती आयात शुल्क मार्च 2023 तक लागू रहेगा
खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सीबीआईसी का विशिष्ट खाद्य तेलों पर मौजूदा रियायती आयात शुल्क का निर्णय मार्च 2023 तक लागू रहेगा. बयान के मुताबिक, 'खाद्य तेल आयात पर रियायती सीमा शुल्क को छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. इसका मतलब है कि नई समयसीमा अब मार्च 2023 होगी.'


इन तेलों पर मार्च 2023 तक जारी रहेगी रियायत
खाद्य मंत्रालय ने यह भी कहा कि वैश्विक कीमतों में गिरावट के कारण घरेलू खाद्य तेल की कीमतों में नरमी का रुख रहा है. गिरती वैश्विक दरों और कम आयात शुल्क के साथ भारत में खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों में काफी गिरावट आई है. बयान के मुताबिक, कच्चे पाम तेल, आरबीडी पामोलिन, आरबीडी पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल, परिष्कृत सोयाबीन तेल, कच्चे सूरजमुखी तेल और परिष्कृत सूरजमुखी तेल पर मौजूदा शुल्क संरचना 31 मार्च, 2023 तक बिना बदलाव के रहेगी.


जानिए अलग-अलग तेलों पर कितना है आयात शुल्क
पाम तेल, सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल की कच्ची किस्मों पर आयात शुल्क फिलहाल शून्य है. हालांकि, पांच फीसदी कृषि उपकर और 10 फीसदी सामाजिक कल्याण उपकर को ध्यान में रखते हुए इन तीन खाद्य तेलों की कच्ची किस्मों पर प्रभावी शुल्क 5.5 फीसदी है. इसके अलावा पामोलिन और रिफाइंड पाम तेल की अलग-अलग किस्मों पर मूल सीमा शुल्क 12.5 फीसदी है, जबकि सामाजिक कल्याण उपकर 10 फीसदी है. इस तरह से प्रभावी शुल्क 13.75 फीसदी है.


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