2000 Rupee Notes: बैंकिंग सेक्टर की रेग्यूलेटर भारतीय रिजर्व बैंक ने 19 मई, 2023 को अचानक ऐलान किया कि वो 2,000 रुपये के नोट को सर्कुलेशन से वापस लेने जा रही है. महज 7 साल पहले 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों के नोटबंदी ऐलान के बाद 2,000 रुपये के नोटों को लॉन्च किया गया. आरबीआई ने जल्दबाजी में बैंकिंग सिस्टम में नगदी डालने के लिए 2000 रुपये के नोट बैंकिंग सिस्टम में डाले. पर क्या आप जानते हैं कि 2000 रुपये के नोटों को छापई पर कितने पैसे खर्च हुए हैं? सरकार ने इस बात का संसद में खुलासा किया है. सरकार ने संसद को ये जानकारी दी है कि आरबीआई के मुताबिक 2,000 रुपये के नोटों को छपाई पर कुल 17,688 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.


2000 के नोट की छपाई पर 17,688 करोड़ खर्च 


संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा में वित्त मंत्री से ये सवाल पूछा गया तो 2000 रुपये के नोटों की छपाई पर सरकार ने अब तक कितने पैसे खर्च किए हैं? इस सवाल के लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि आरबीआई के मुताबिक 2000 रुपये के नोटों की छपाई पर कुल 17,688 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. 


खत्म हो रही थी इस्तेमाल करने की अवधि  


कांग्रेस के लोकसभा सांसद मनीष तिवारी ने आरबीआई और सरकार के 2000 रुपये को नोटों को वापस लेने के कारणों के बारे में सरकार से सवाल किया तो इस प्रश्व के लिखित जवाब में वित्त राज्यमंत्री ने कहा 19 मई 2023 को आरबीआई ने अपने क्लीन नोट पॉलिसी को ध्यान में रखते हुए करेंसी मैनेजमेंट ऑपरेशन के तहत 19 मई, 2023 को 2000 रुपये को नोट को वापस लेने का ऐलान किया था. उन्होंने बताया कि 89 फीसदी से ज्यादा 2000 रुपये के नोट मार्च 2017 से पहले जारी किए गए थे और इन नोटों के इस्तेमाल लायक 4 से 5 साल की अवधि खत्म ही होने वाली है. पंकज चौधरी ने कहा कि आम लोगों की मांग को पूरा करने के लिए दूसरे डिनॉमिनेशन के बैंक नोट्स की पर्याप्त संख्या स्टॉक में मौजूद है. 


7.40 लाख करोड़ रुपये नोट की हुई सप्लाई 


वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि 2016-17 से 2018-19 के बीच आरबीआई ने 7.40 लाख करोड़ रुपये के वैल्यू के बराबर 2000 रुपये के नोट्स सप्लाई किए हैं. जब 19 मई 2023 को आरबीआई ने 2000 रुपये के नोटों को बैंकिंग सिस्टम से वापस लेने का ऐलान किया तब 3.56 लाख करोड़ रुपये के वैल्यू के नोट्स बैंकिंग सिस्टम में मौजूद थे. 30 नवंबर तक इसमें से 3.46 लाख करोड़ रुपये के नोट वापस आ चुके हैं और 9760 करोड़ रुपये के नोट्स सर्कुलेशन में अभी भई बचा हुआ है जिसका बैंकिंग सिस्टम में लौटना बाकी है. 


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