Relief On Wheat Export Ban: गेंहू के निर्यात पर बैन लगाने के अपने फैसले में सरकार ने थोड़ी राहत दी है. वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि जहां कहीं भी गेहूं की खेप को जांच के लिए कस्टम विभाग को सौंप दिया गया है और 13.5.2022 को या उससे पहले उनके सिस्टम में पंजीकृत कर लिया गया है उन गेंहू के खेपों को निर्यात करने की अनुमति दी जाएगी. 


Egypt गेंहू निर्यात को हरी झंडी
केंद्र सरकार ने Egypt ओर जाने वाली गेहूं की खेप को भी निर्यात की अनुमति दे दी है जो पहले से ही कांडला बंदरगाह पर लोड हो रही थी. दरअसल Egypt की सरकार ने भारत सरकार से कांडला बंदरगाह पर लदान किए जा रहे गेहूं के निर्यात को अनुमति देने का अनुरोध किया था. मिस्र को गेहूं के निर्यात के लिए लगी कंपनी को 61,500 मीट्रिक टन गेहूं की लोडिंग करने का परमिट मिला था. जिसमें से 44,340 मीट्रिक टन गेहूं पहले ही लोड किया जा चुका था और केवल 17,160 मीट्रिक टन लोड किया जाना बाकी था. सरकार ने 61,500 मीट्रिक टन की पूरी खेप के निर्यात की अनुमति देते हुए कांडला से Egypt भेजने की इजाजत दे दी है. 


पोर्ट पर फंसा था गेहूं
दरअसल 13 मई 2022 को सरकार ने घरेलू बाजार में गेहूं की बढ़ती कीमतों और उत्पादन में गिरावट के बाद गेंहू के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. सरकार द्वारा अचानक लिए गए इस फैसले के बाद कांडला पोर्ट से लेकर दूसरे पोर्ट पर बड़ी संख्या में निर्यात के लिए जाने वाला गेंहू अटक गया था. हजारों की संख्या में ट्रकों पर गेंहू से लदे ट्रक खड़े थे. पर अब सरकार ने अपने फैसले में रिआयत देते हुए ये निर्णय लिया है कि जहां कहीं भी गेहूं की खेप को जांच के लिए सीमा शुल्क विभाग को सौंप दिया गया है और 13.5.2022 को या उससे पहले उनके सिस्टम में पंजीकृत किया गया है, ऐसी खेपों को निर्यात करने दिया जाएगा. 


गेंहू की बढ़ती कीमतें के चलते लगा बैन 
भारत सरकार ने देश में खाद्य सुरक्षा स्थिति का प्रबंधन करने और पड़ोसी और कमजोर देशों की जरूरतों को पूरा करने के लिए गेहूं के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया था. जो गेंहू के वैश्विक बाजार में अचानक बदलाव और पर्याप्त गेहूं की आपूर्ति ना होने से प्रभावित हैं. ये आदेश उन मामलों में लागू नहीं होगा जहां निजी व्यापार द्वारा गेहूं की सप्लाई की कमिटमेंट की जा चुकी है या फिर जिन देशों के खाद्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए  उन देशों के अनुरोध पर गेंहू भेजा जा रहा था. वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक इस आदेश के जरिए तीन मुख्य उद्देश्यों को पूरा किया जा सकेगा जिसमें भारत की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना और मुद्रास्फीति पर नियत्रंण के अलावा उन देशों की मदद करना जो अनाज की कमी से जूझ रहे हैं. ये आपूर्तिकर्ता के रूप में भारत की विश्वसनीयता बनाए रखेगा साथ ही आदेश का उद्देश्य गेहूं की आपूर्ति की जमाखोरी को रोकने के लिए गेहूं बाजार को एक स्पष्ट दिशा प्रदान भी करेगा. 


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