कोरोनावायरस संक्रमण की वजह से चरमरा चुकी अर्थव्यवस्था को दूसरा बूस्टर डोज देने की तैयारी की जा रही है. सरकार एक बड़ा स्टियुमलस पैकज दे सकती है. इससे पहले सरकार 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज दे चुकी है लेकिन यह अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने में नाकाम रहा. अब सरकार 35 हजार करोड़ रुपये के एक और प्रोत्साहन पैकेज देने के बारे में सोच रही है.सरकार इसका ऐलान फेस्टिवल सीजन से पहले कर सकती है.


रोजगार और इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर जोर 


केंद्र सरकार के 35 हजार करोड़ रुपये के इस पैकेज में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में नौकरियों बढ़ाने पर जोर होगा. इसके तहत शहरी और ग्रामीण इलाकों में रोजगार पैदा करने के साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से जुड़ी योजनाएं लाने पर जोर होगा. सरकार चाहती है कि बड़े पैमाने रोजगार पैदा किया जाए ताकि अर्थव्यवस्था में मांग पैदा हो और इसकी रफ्तार तेज हो.


25 इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पूरा करना चाहती है सरकार 


सरकार इस साल कम से कम 25 बड़े प्रोजेक्ट्स को पूरा करना चाहती है, जिससे अधिक लोगों को रोजगार मिल सके. ऑटोमोबाइल सेक्टर और इलेक्टॉनिक उपकरण बनाने वाली कंपनियों के लिए के लिए भी राहत की घोषणा हो सकती है ताकि उनके प्रोडक्ट की डिमांड बढ़े.सरकार मनरेगा के तर्ज पर शहरी और अर्धशहरी इलाके में रोजगार कार्यक्रम शुरू करेगी. यह योजना बड़े शहरों मे लागू होने से पहले टियर 3 और टियर 4 शहरों यानी छोटे शहरों में पहले लागू की जाएगी. इसके बाद उसे बड़े शहरों में लागू किया जाएगा.


केंद्र सरकार National Infrastructure Pipeline के तहत ऐसे प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देने जा रही है जिससे अधिक से अधिक रोजगार के अवसर पैदा हों. अधिकारियों ने कहा कि 20-25 ऐसे प्रोजेक्ट्स की पहचान कर ली गई है जिसमे पैसा निवेश करने से कम से कम समय में अधिक से अधिक नौकरियां पैदा होंगी. ये नौकरियां स्किल्ड और अनस्किल्ड दोनों तरह के लोगों के लिए होगी.


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