2000 Rupee Note: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) ने 19 मई को 2,000 रुपये के नोट को लेकर बड़ा फैसला करते हुए इसे सर्कुलेशन (2000 Rupee Note Demonetisation) से बाहर करने का फैसला किया था. आरबीआई (RBI) ने इसके साथ ही जानकारी दी थी कि 30 सितंबर तक कोई भी नागरिक इन नोटों को बैंकों में जाकर बदलवा सकता है और तब तक यह नोट लीगल टेंडर में बने रहेंगे. अब 2000 रुपये के नोट (2000 Rupee Note) को लेकर सरकार ने बड़ी जानकारी दी है. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद के मॉनसून सत्र में जानकारी दी है कि 2,000 रुपये के 2.72 ट्रिलियन रुपये के 2,000 रुपये के नोट बैंकिंग सिस्टम में 30 जून तक वापस आ गए हैं.


सरकार दी जानकारी


इसके साथ ही वित्त राज्य मंत्री ने यह भी बताया है कि 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने के बाद देश में नकदी की कोई कमी नहीं पड़ेगी. इसके बदले 500 और अन्य मूल्य के नोटों की पर्याप्त संख्या है. ऐसे में आम लोगों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. ध्यान देने वाली बात ये है कि रिजर्व बैंक ने अपनी 'क्लीन नोट पॉलिसी' (Clean Note Policy) के तहत 2,000 रुपये को वापस करने का फैसला किया था.


क्या 2,000 के नोट वापस करने की बढ़ेगी डेडलाइन?


इसके साथ ही वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) से 2000 रुपये के नोटों को वापस करने की डेडलाइन को आगे बढ़ाने के मामले पर भी सवाल पूछा गया था जिस पर वित्त राज्य मंत्री ने लिखित जवाब देते हुए कहा है कि अभी इस चीज पर विचार नहीं किया जा रहा है. वहीं आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक कुल 76 फीसदी 2000 रुपये के नोट बैंकों में वापस किए जा चुके हैं. 19 मई में देश में कुल 3.56 लाख करोड़ के 2000 रुपये के नोट चलन में थे जो 30 जून तक घटकर 84,000 करोड़ रुपये हो गया है. 


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