Make In India: केंद्र सरकार ने मेक इन इंडिया (Make In India) को बढ़ावा देने के लिए लैपटॉप, टैबलेट्स, और पर्सनल कम्प्यूटर और सर्वर के इंपोर्ट पर रोक लगा दिया है. सरकार ने इस बाबत नोटिफिकेशन जारी कर दिया है और ये फैसला फौरी तौर पर लागू हो चुका है. नोटिस में कहा गया है कि वैलिड लाइसेंस के आधार पर ही अब इंपोर्ट की इजाजत होगी. कुछ मामलों में इंपोर्ट करने की छूट दी गई है. जिसमें ऑनलाइन पोर्टल, कूरियर और पोस्ट के जरिए एक लैपटॉप या टैबलेट या फिर पर्सनल कंप्यूटर इंपोर्ट करने की इजाजत होगी. 


डीजीएफटी (DGFT) ने अपने नोटिफिकेशन में कहा है कि बैगेज रुल्स के तहत लैपटॉप, टैबलेट्स, और पर्सनल कम्प्यूटर पर कोई रोक नहीं होगी. सरकार ने कहा कि अगर रिसर्च और डेवपमेंट, टेस्टिंग, बेंचमार्किंग और रिपेयर के लिए अगर इंपोर्ट किया जाता है तो लाइसेंस के तहत प्रति कंसाइगमेंट 20 पीस तक इंपोर्ट करने की इजाजत होगी. 


मेक इंडिया इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के तहत स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के मकसद से डीजीएफटी ने ये नोटिफिकेशन जारी किया है. भारत सरकार प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव के इलेक्ट्रॉनिक्स समेत करीब 20 से ज्यादा सेक्टर्स में लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाना देने के लिए इंसेटिव दे रही है. 


सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट्स और पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाना देने के लिए आईटी हार्डवेयर मैन्युफैक्चरिंग में निवेश को आकर्षित करने के लिए 2 बिलियन डॉलर के मैन्युफैक्चरिंग इंसेटिव स्कीम के तहत कंपनियों के लिए आवेदन करने के डेडलाइन को एक्सटेंड कर दिया है. सरकार ने 2026 तक 300 बिलियन डॉलर के प्रोडक्शन का टारगेट रखा है जिससे ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में भारत एक बड़ी ताकत बन सके.  


अप्रैल से जून तिमाही में लैपटॉप, टैबलेट्स और पर्सनल कम्प्यूटर के आयात में साल दर साल 6.25 फीसदी का उछाल देखने को मिला है. इस तिमाही में कुल 19.7 बिलियन डॉलर का इंपोर्ट किया गया है. भारत के कुल आयात में 7 से 10 फीसदी हिस्सेदारी इलेक्ट्रॉनिक्स इंपोर्ट की है. 


ये भी पढ़ें


India Service PMI: सर्विस सेक्टर की ग्रोथ 13 साल के उच्च स्तर पर, जुलाई में बढ़कर 62.3 पर रही