Small Saving Rate Hike: नए वित्त वर्ष 2023-24 की शुरुआत हो रही है उसके पहले ही सरकार ने छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वाले लोगों के लिए खुशखबरी का एलान किया है. वित्त मंत्रालय ने सुकन्या समृद्धि योजना से लेकर नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट( NSC) , किसान विकास  पत्र (KIsan Vikas Patra), पोस्ट ऑफिस की बचत योजनाओं (Post Office Deposit Schemes) और सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम ( Senior Citizen Saving Schemes) में निवेश करने वालों को इन स्कीमों पर ब्याज दर बढ़ाकर सौगात दी है. वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही अप्रैल से जून के लिए इन बचत याजनाओं के ब्याज दर में 10 से 70 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर दी गई है. हालांकि पीपीएफ ( PPF) के ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. 


सुकन्या योजना पर बढ़ी ब्याज दरें

वित्त मंत्रालय ने छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दरें में समीक्षा करते हुए सबसे ज्यादा ब्याज दर नेशल सेविंग सर्टिफिकेट की बढ़ाई है. एनएसई का ब्याज दर 7 फीसदी से बढ़कर 7.70 फीसदी हो गया है. बीते दो समीक्षा में सुकन्या समृद्धि योजना के ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया था. लेकिन इस बार वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही के लिए सुकन्या समृद्धि योजना के ब्याज दर को बढ़ाकर 7.6 फीसदी से 8 फीसदी कर दिया गया है. किसान विकास पत्र के ब्याज दर को 7.2 फीसदी से बढ़ाकर 7.5 फीसदी कर दिया गया है और मैच्योरिटी अवधि को 120 महीने से घटाकर 115 महीने कर दिया गया है. 

बचत योजना 2022-23 की चौथी तिमाही 2023-24 की पहली तिमाही
सेविंग डिपॉजिट 4.00% 4.00%
1 साल का डिपॉजिट 6.60% 6.80%
2 साल का डिपॉजिट 6.80% 6.90%
3 साल का डिपॉजिट 6.90% 7.00%
5 साल का डिपॉजिट 7.00% 7.50%
5 साल का रेकरिंग डिपॉजिट 5.80% 6.20%
सेीनियर सिटीजन सेविंग 8.00% 8.20%
मंथली इनकम अकाउंट 7.10% 7.40%
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट 7.00% 7.70%
पीपीएफ 7.10% 7.10%
किसान विकास पत्र 7.2% (120 महीने) 7.5% (115 महीने)
सुकन्या समृद्धि योजना 7.60% 8.00%

 
पीपीएफ पर ब्याज दरों में बदलाव नहीं

सरकार ने इस बार सभी योजनाओं के ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है लेकिन पीपीएफ के ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है. पीपीएफ पर ब्याज दर को 7.1 फीसदी पर बरकरार रखा गया है. 

रेपो रेट बढ़ने के बाद बढ़ी ब्याज दरें

आरबीआई ने लगातार छठी बार फरवरी 2023 में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है और 6 अप्रैल को फिर से बढ़ाने की चर्चा है. बैंक भी एफडी पर ब्याज दरों को आकर्षक करते जा रहे हैं. ऐसे में इन योजनाओं की लोकप्रियता बनाए रखने के लिए सरकार के लिए ब्याज दरें बढ़ाना जरुरी था. 

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