हर कोई अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए अलग-अलग जगहों पर निवेश करता है. हर किसी को रिटायरेंट के बाद या पहले वित्तीय सुरक्षा चाहिए. कुछ लोग इसे बिना किसी चिंता के बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होने के रूप में देखते हैं, जबकि अन्य इसे अपनी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए पैसा होने के रूप में देखते हैं. 


अगर आप वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए देख रहे हैं तो इंश्योरेंस इसमें काफी मददगार हो सकता है. अगर आपको इंश्योरेंस लेना चाहते हैं तो मार्केट में कई विकल्प मौजूद हैं, जिसका आप लाभ उठा सकते हैं. इमसें पर्याप्त कवरेज मिल सकता है. यहां पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के को-फाउंडर एंड चीफ बिजनेस ऑफिसर जनरल इंश्योरेंस तरुण माथुर की ओर से आपके लिए सही इंश्योरेंस और पूरा कवरेज कैसे ले सकते हैं इसके बारे में पूरी जानकारी दी गई है. 


कॉर्पोरेट पॉलिसी के अलावा पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है आवश्यक


कंपनियों द्वारा प्रदान किया गया इंश्योरेंस कर्मचारियों के लिए एक फायदेमंद है, लेकिन यह उनके और उनके परिवार के सदस्यों के लिए व्यापक कवरेज प्रदान नहीं करता है. इस कारण एक संपूर्ण रिटेल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना एक अच्छा विचार हो सकता है. आज के बढ़ते स्वास्थ्य देखभाल लागत और लोगों की अलग-अलग स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को देखते हुए केवल बुनियादी कंपनी बीमा पर निर्भर रहना हर किसी की सुरक्षा के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता है. इसलिए सिक्योरिटी लेयर को बढ़ाने के लिए संपूर्ण रिटेल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर विचार करना आवश्यक है. 


क्यों पर्सनल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना जरूरी 



  • कम बीमा राशि या एडवांस मेडिकल ट्रीटमेंट को कवर नहीं करने जैसे प्रतिबंध कुछ ही समय में आपके फाइनेंस को समाप्त कर सकते हैं. गंभीर बीमारियों में पैसों की आवश्यकता होती है.

  • कंपनियों की बीमा योजनाओं में आमतौर पर अस्पताल में भर्ती होने के दौरान कमरे के किराए के लिए करीब 5 हजार रुपये की लिमिट होती है. ऐसे में आपको एक्स्ट्रा भुगतान करना पड़ सकता है.

  • कंपनी की ओर से दी जाने वाली बीमा योजना आपको केवल कुछ अस्पतालों में जाने की अनुमति दे सकती हैं जहां वे सीधे बिलों का भुगतान करेंगे, लेकिन अगर आप किसी दूसरे अस्पताल में जाना चाहते हैं, तो आपको अस्पताल के बिल का भुगतान पहले स्वयं करना होगा और फिर बीमा कंपनी से वह पैसा वापस पाने के लिए पूरी प्रक्रिया से गुजरना होगा. 

  • परिवार को कवर करने वाली पॉलिसी भी नहीं हो सकती है. ऐसे में पर्सनल बीमा पॉलिसी आपकी मदद कर सकता है. 


टर्म लाइफ इंश्योरेंस परिवार के लिए सुरक्षा कवच 


टर्म लाइफ पॉलिसी आपके लिए ज्यादा मददगार हो सकती है. यह पॉलिसी न केवल यह सुनिश्चित करेगी कि आपके आश्रितों को उच्च शिक्षा जैसे जीवन के महत्वपूर्ण पड़ावों के लिए वित्तीय सहायता मिले, बल्कि यह भी तय करेगी की आपका परिवार बिना किसी वित्तीय परेशानी के अपनी इच्छानुसार रह सके.



  • मजबूत टर्म प्लान बेहद किफायती है, 1 करोड़ से 5 करोड़ रुपये जैसी उच्च कवरेज प्रदान करता है और कोई परिपक्वता लाभ नहीं देता है

  • टर्म रिटर्न ऑफ प्रीमियम (टीआरओपी) योजनाएं परिपक्वता पर पॉलिसीधारक को भुगतान किया गया प्रीमियम लौटाती हैं, लेकिन नियमित योजनाओं की तुलना में लागत 2 गुना अधिक होती है.

  • बिना किसी लागत के प्रीमियम की वापसी योजनाएं एक बार निकासी विकल्प के साथ आती हैं, सभी भुगतान किए गए प्रीमियम भी लौटाती हैं लेकिन लागत नियमित टर्म प्लान के समान ही होती है.

  • स्वतंत्र गृहिणी टर्म प्लान एक गृहिणी के जीवन को स्वतंत्र रूप से कवर करता है, भले ही उसके पति या पत्नी के पास कोई पॉलिसी हो या नहीं. 


इनवेस्टमेंट कम इंश्योरेंस पॉलिसियां


वित्तीय सुरक्षा के अलावा इंश्योरेंस पॉलिसियां पैसे जमा करने के लिए एक अच्छे विकल्प हो सकते हैं. आप अपनी रिटायरमेंट को सुरक्षित रखना चाहते हों या अपने बच्चे की शिक्षा के लिए धन जमा करना चाहते हैं तो यह आपके लिए उचित योजनाएं है. 


बिना किसी जोखिम के गारंटीड रिटर्न 


बाजार में अब नई प्रकार की गारंटीड रिटर्न योजनाएं उपलब्ध 7 से 7.5 फीसदी तक का रिटर्न देती हैं, जो पारंपरिक योजनाओं में सबसे ज्यादा की दर है. ये रिटर्न 5 लाख रुपये तक के वार्षिक प्रीमियम तक बिल्कुल टैक्स फ्री हैं. मान लीजिए कि आप इन योजनाओं में 5 साल तक प्रति माह 20,000 रुपये का निवेश करते हैं, तो 5 साल के अंत तक आप 12 लाख रुपये का निवेश कर चुके होंगे. अब, 10वें वर्ष में, आपके पास करीब 20.5 लाख रुपये हो सकते हैं. 


यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस पॉलिसी 


यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस पॉलिसी उन निवेशकों के लिए हैं, जो जोखिम नहीं लेना चाहते हैं. यह योजनाएं बाजार के अधिन होती है जब मार्किट चढ़ाव पर होता है, तो ये योजनाएं आमतौर पर अच्छा रिटर्न देती हैं. इन योजनाओं के तहत कभी कभी 12 से 15 फीसदी का रिटर्न मिलता है. इसके साथ ही ये टैक्स बचाने में भी मदद करती हैं. 


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