सोना बुरे समय का साथी माना जाता है. यही कारण है कि पुराने समय से लोग इसे पसंद करते आए हैं. भारत में तो लोगों को न सिर्फ सौंदर्य के लिए सोना पसंद है, बल्कि यह बचत व निवेश का पारंपरिक साधन रहा है. अभी फिर से सोने की चमक तेज होने लगी है.


ऐसा है बाजार का हाल


आर्थिक मंदी और सभी सेक्टरों की कंपनियों में हो रही चौतरफा छंटनी के इस दौर में सोना निवेशकों को खूब पसंद आ रहा है. पीली धातु ने मुश्किल समयों में शानदार रिटर्न देकर बार-बार खुद को साबित भी किया है. अभी की ही बात करें तो जब बाजार मंदा है और अर्थव्यवस्थाएं सुस्त, तब सोना और चमकते जा रहा है. साल 2023 के दौरान सोना अब तक 10 फीसदी से ज्यादा मजबूत हो चुका है.


आने वाले महीनों का अनुमान


साल के शुरुआती साढ़े चार महीने बीत चुके हैं और इस दौरान आम तौर पर सोने में तेजी ही रही है. सोने के निवेशकों ने इस साल कुछ मौकों पर छिट-पुट मुनाफावसूली की है. जिस तरह से अभी भी आर्थिक अनिश्चितता बनी हुई है और मंदी का असर गहराने का डर है, इस साल के बचे हुए महीनों में भी सोने के लिए उम्मीदें मजबूत हैं.


इतना ऊपर गया सोना


मिंट की एक खबर में ब्रोकरेज फर्म एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज के हवाले से कहा गया है, हालिया महीनों के दौरान जिस एसेट क्लास ने शानदार रिटर्न दिया है, वह है सोना. इसने साल 2023 में अब तक 10 फीसदी और 2022 के अंत में अपने निचले स्तर से अब तक 23 फीसदी का रिटर्न दिया है. हालिया समय के दौरान वित्तीय संकटों के बढ़ने और आर्थिक मोर्चे पर अनिश्चितता ने सोने की मदद की है.


इन कारणों से बढ़ता है भाव


आपको बता दें कि जब भी अर्थव्यवस्था को लेकर आशंकाएं बढ़ती हैं, सोने के लिए अच्छा समय आ जाता है. मौजूदा हालात को देखें तो कई विकसित अर्थव्यवस्थाओं के सामने मंदी सबसे गंभीर रूप में खड़ी है. दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका डिफॉल्ट की कगार पर खड़ा है. अमेरिका से शुरू हुआ बैंकिंग संकट कई ग्लोबल बैंकों को भी शिकार बना चुका है. शेयर बाजारों से रैली गायब है. ऐसे में निवेशक सुरक्षित निवेश के रूप में महंगी धातुओं खास तौर पर सोने की खरीदारी करते हैं. इससे सोने की मांग में तेजी आती है और जो अंतत: भाव को बढ़ाता है.


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