Gold Hallmarking: सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग को लेकर एक और खबर आई है. जैसा कि आप जानते ही हैं कि केंद्र सरकार ने सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया है. सोने की हॉलमार्किंग के दूसरे चरण के लिए 32 और जिलों को इसमें शामिल किया जा चुका है. एक जून से सोने की हॉलमार्किंग का दूसरा फेज शुरू हुआ था और इसमें देश के 256 डिस्ट्रिक्ट में हॉलमार्किंग सेंटर लग चुके हैं. इन 32 सेंटर्स को और मिलाकर कुल 288 जिलों में हॉलमार्किंग सेंटर लग चुके हैं. पहले फेज़ में देश के 256 जिलों को इसके दायरे में लाया गया था.


कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री ने इस बारे में बताया
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने इस बारे में बताते हुए कहा है कि अनिवार्य हॉलमार्किंग के सेकेंड फेज के दायरे में सोने के गहनों के तीन अतिरिक्त कैरेट (20, 23 और 24 कैरेट) की जांच के लिए 32 नए जिले शामिल हो गए हैं. ये वो जिले हैं जहां पहले चरण के पूरा होने के बाद एक परख एवं हॉलमार्क केंद्र (AHC) लगाया गया है.


BIS वेबसाइट पर दी गई जानकारी
BIS की वेबसाइट www.bis.gov.in पर इन 288 जिलों की लिस्ट मुहैया करा दी गई है. कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री की ओर से ये भी बताया जा रहा है कि आने वाले समय में देश के सभी जिलों में गोल्ड हॉलमार्किंग की जांच करने वाली इस सुविधा से जोड़ दिया जाएगा. 


क्या है हॉलमार्किंग
हॉलमार्क या स्टैंडर्ड मार्क सोने की ज्वैलरी के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा दिया जाता है. असली हॉलमार्क पर भारतीय मानक ब्यूरो का तिकोना निशान बना होता है. इसके अलावा हॉलमार्किंग सेंटर के लोगो के साथ सोने की शुद्धता भी लिखी होती है. हॉलमार्क सरकारी गारंटी होती है और भारत की एकमात्र एजेंसी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) देती है. 


ग्राहकों को क्या है फायदा
ग्राहकों को नकली ज्वेलरी से बचाने और ज्वेलरी कारोबार की निगरानी के लिए हॉलमार्किंग जरूरी है. इसका फायदा यह है कि जब आप इसे बेचने जाएंगे तो किसी तरह की डेप्रिसिएशन कॉस्ट नहीं काटी जाएगी यानी ग्राहक को सोने की सही कीमत मिल पाएगी.


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