हांगकांग, सिंगापुर, मालदीव जैसे देशों में मसालों पर रोक लगने के बाद अब घरेलू स्तर पर भी सरकार सख्त हो गई हैं. सरकार ने अपना इरादा एकदम साफ कर दिया है और दो-टूक कहा है कि अगर मसालों के सैंपल टेस्ट में फेल हुए तो कंपनियों के लाइसेंस कैंसिल कर दिए जाएंगे.


लाइसेंस कैंसिल कर सकती है सरकार


बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट में वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि सरकार गलती पाए जाने पर मसाला कंपनियों के ऊपर कड़ी कार्रवाई करने से जरा भी नहीं हिचकेगी. अधिकारी के अनुसार, अगर ऐसा पाया जाता है कि मसाला कंपनियां पैकेट वाले उत्पादों में कीटनाशकों के स्वीकृत स्तर के नियमों का उल्लंघन कर रहे थे, तो ऐसी स्थिति में सरकार उनका लाइसेंस कैंसिल करने में नहीं हिचकिचाएगी.


इन देशों में लगी मसालों पर रोक


भारतीय मसाला ब्रांड अभी विवादों से जूझ रहे हैं. विवादों की शुरुआत तब हुई, जब कई पैक्ड पावडर मसाला उत्पादों पर रोक लगाने का फैसला लिया. हांगकांग के फूड सेफ्टी रेगुलेटर ने कहा कि संबंधित मसाला उत्पादों में कीटनाशक व खतरनाक केमिकल हैं. उसके बाद सिंगापुर ने भी ऐसी ही कार्रवाई की. पड़ोसी देश मालदीव ने भी बाद में भारतीय ब्रांडों के कई उत्पादों पर बाजार में रोक लगाने का फैसला लिया.


जमा किए गए 1500 सैंपल


विवाद के बाद घरेलू फूड सेफ्टी रेगुलेटर एफएसएसएआई ने मसालों की जांच तेज कर दी है. फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने देश भर में मसालों के 1,500 से ज्यादा सैंपल जमा किए हैं. सभी मसाला सैंपल की अभी जांच की जा रही है. एफएसएसएआई की इस जांच में केमिकल, माइक्रोब, माइकोटॉक्सिन, सुडान डाई आदि की मौजूदगी का पता लगाया जा रहा है. एथिलीन ऑक्साइड समेत 234 कीटनाशकों की मौजूदगी की भी जांच की जा रही है.


15 दिन में आएंगे टेस्ट के रिजल्ट


एफएसएसएआई ने यह एक्शन हांगकांग, सिंगापुर और मालदीव में भारतीय मसाला ब्रांडों पर कार्रवाई होने के बाद सैंपल कलेक्ट करने की शुरुआत की. नियामक ने 25 अप्रैल से सैंपल को कलेक्ट करना शुरू किया. देश भर में एफएसएसएआई के 237 टेस्टिंग लैब है. मसालों के सैंपल की जांच के नतीजे 15 दिन में आने की उम्मीद है.


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