नई दिल्लीः पीएनबी ने माना है कि उसकी मुंबई की एक शाखा में कुछ धोखाधड़ी वाले लेनदेन का पता लगाया है. ये लेनदेन 1.171 अरब डॉलर या करीब 11,334.4 करोड़ रुपये के हैं. वसूली के लिए यह मामला विधि प्रवर्तन एजेंसियों को भेज दिया गया है. बैंक ने कहा कि इन लेनदेन के आधार पर अन्य बैंकों ने संभवत: कुछ ग्राहकों को विदेशों में कर्ज दिया है. इस मामले को पहले ही विधि प्रवर्तन एजेंसियों को भेज दिया गया है, जिससे दोषियों के खिलाफ कानून के हिसाब से कार्रवाई हो सके. इस मामले में बैंक ने अपने 10 कर्मचारियों को सस्पेंड भी कर दिया है और इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.


मामले पर हो रही है कार्रवाई
पीएनबी ने बयान में कहा कि उसकी मुंबई की एक शाखा में कुछ धोखाधड़ी वाले अनाधिकृत लेनदेन का पता चला है. ये लेनदेन कुछ चुनिंदा खाताधारकों को लाभ पहुंचाने वाले हैं और इसमें उनकी भी सांठगाठ है. बैंक ने कहा कि इन लेनदेन के आधार पर अन्य बैंकों ने संभवत: कुछ ग्राहकों को विदेशों में ऋण दिया है. बैंक ने कहा कि वह स्वच्छ और पारदर्शी बैंकिंग को लेकर प्रतिबद्ध है. सीबीआई ने पीएनबी की शिकायत पर कार्रवाई की है.


वित्त मंत्रालय की है मामले पर नजर
वित्त मंत्रालय ने आज पंजाब नेशनल बैंक पीएनबी के 11,334 करोड़ रुपये के घोटाले को लेकर जताई जा रही आशंकाओं को खारिज किया और कहा कि यह मामला ‘नियंत्रण के बाहर’ नहीं है और इस बारे में उचित कार्रवाई की जा रही है. वित्तीय सेवा विभाग में संयुक्त सचिव लोक रंजन ने मौके पर अलग से कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह नियंत्रण से बाहर या इस समय कोई बड़ी चिंता की बात है.’’


बैंक में धोखाधड़ी का ये दूसरा मामला
दस दिन से भी कम के समय में यह बैंक धोखाधड़ी का दूसरा मामला सामने आया है. इससे पहले पांच फरवरी को सीबीआई ने अरबपति हीरा कारोबारी नीरव मोदी, उनकी पत्नी, भाई और एक व्यापारिक भागीदार के खिलाफ वर्ष 2017 में पीएनबी के साथ 280.70 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था. सीबीआई ने पीएनबी की शिकायत पर यह कार्रवाई की है. इसमें कहा गया है कि मोदी, उनके भाई निशाल, पत्नी एमी और मेहुल चिनूभाई चोकसी ने बैंक अधिकारियों के साथ साजिश में बैंक के साथ धोखाधड़ी की और उसके गलत तरीके से नुकसान पहुंचाया.