FPI in Indian Stock Market: विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार से निवेश निकालने का सिलसिला जारी है. फरवरी में अभी तक 9,600 करोड़ रुपये की रकम निकाली जा चुकी है. हाई वैल्यूवेशन की वजह से अन्य उभरते हुए बाजारों की तुलना में घरेलू इक्विटी बाजार  (Share Market) में ​विदेशी निवेशकों (FPIs) के निवेश की रकम कम हो रही है. एफपीआई ने जनवरी में 28,852 करोड़ रुपये कुल निकासी की थी. डिपॉजिटरी के डाटा के मुताबिक यह सात महीने से सबसे ज्यादा की निकासी थी. 


विदेशी निवेशकों ने पिछले साल दिसंबर में 11,119 करोड़ रुपये और नवंबर में 36,238 करोड़ रुपये का निवेश किया था. कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च (रिटेल) के प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि आगे चलकर FPIs में चढ़ाव और उतार देखने को मिल सकता है. उनका मानना है कि केंद्रीय बैंकों की ओर से दर में बढ़ोतरी की जा रही है, ऐसे में इसमें परिवर्तन देखा जा सकता है.  


कब तक जारी रहेगा निकासी का सिलसिला 


मार्केट के कुछ जानकारों का मानना है कि उम्मीद है कि एफपीआई में उतार-चढ़ाव तब तक जारी रह सकता है, जब तक की अडानी ग्रुप के मुद्दे को लेकर स्पष्टता नहीं आ जाती है. बाजार में स्थिरता आते ही एफपीएआई में बदलाव की उम्मीद है. आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने 1-10 फरवरी के बीच शेयरों से 9,672 करोड़ रुपये की निकासी की. इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय बाजारों से विदेशी निवेशक ताइवान, दक्षिण कोरिया, जापान जैसे मार्केट में अपना निवेश बढ़ा रहे हैं. 


इन सेक्टरों में विदेशी निवेशकों का रुझान 


एफपीआई ऑटो और ऑटो एक्सेसरीज, कंस्ट्रक्शन एंड मेटल और खनन में खरीदार रहे हैं, जबकि वे वित्तीय सेवाओं में लगातार विक्रेता रहे हैं. आईटी सेक्टर की ओर भी विदेशी निवेशकों का ​रुझान बढ़ा है. डेब्ट मार्केट में एफपीआई ने 2,154 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इस महीने भारत, थाईलैंड और फिलीपींस के निवेशक बाहर हुए है, जबकि दक्षिण कोरिया, ताइवान और इंडोनेशिया ने विदेशी निवेश आकर्षित किया गया है. 


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