FCI Sells Wheat in Open Market: देश में खाद्य महंगाई को काबू करने के लिए केंद्र सरकार लगातार बड़े कदम उठा रही है. अब सरकार त्योहारी सीजन से पहले गेहूं की कीमतों को कंट्रोल करने के लिए गेहूं के स्टॉक को खुले बाजार में बेच रही हैं. खाद्य मंत्रालय ने इस बारे में बताया है कि फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) ने ई-नीलामी के जरिए इस वित्त वर्ष में अपने स्टॉक से 2.37 मिलियन टन गेहूं की बिक्री की है.


फाइनेंशियल एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक FCI ने यह भी जानकारी दी कि देश में आटे के दाम पर काबू रखने के लिए कॉरपोरेशन ने केवल बुधवार को ई-नीलामी के जरिए गेहूं कुल 0.19 मीट्रिक टन गेहूं की बिक्री की है. वहीं साल के अंत तक यह लक्ष्य है कि ई-नीलामी के जरिए कुल 5 मीट्रिक टन गेहूं की बिक्री की जाए. इसके साथ ही अधिकारी ने यह भी बताया कि सरकार ई-नीमाली के जरिए गेहूं को 2,220.17 रुपये प्रति क्विंटल बेच रही है. पहले इसका मूल्य 2,254.71 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया था.


गेहूं की कीमत में आई गिरावट


ध्यान देने वाली बात ये है कि गेहूं के दाम में पिछले कुछ समय में कमी देखी गई है. ऐसे में FCI द्वारा खुले मार्केट में बेचे गए गेहूं के दाम में भी कमी देखी गई है. इसके साथ ही FCI द्वारा बेची गई गेहूं की मात्रा प्रस्तावित मात्रा से 90 फीसदी से कम है. ऐसे में इससे यह साफ पता चलता है कि देश में पर्याप्त मात्रा में गेहूं का भंडारण है और देश में आटे की कोई कमी नहीं है. गौरतलब है कि अगस्त 2023 से ही FCI लगातार गेंहू की बिक्री कर रहा है और इसका असर गेहूं की कीमतों पर भी पड़ा है. गेहूं की खुदरा महंगाई दर अगस्त में 9.3 फीसदी से घटकर 7.93 फीसदी तक पहुंच गई है.


खाद्य महंगाई दर में आई कमी


केंद्र सरकार ने गेहूं के दाम पर लगाम लगाने के लिए अगस्त 2023 में 5 मीट्रिक टन अतिरिक्त गेंहू की बिक्री का ऐलान किया था. इससे पहले खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने यह भी कहा था कि आंटे के कीमतों को कंट्रोल करने के लिए सरकार आयात शुल्क में कमी पर भी विचार कर रही है. वहीं अगस्त में सरकार ने व्यापारियों के पास गेहूं के भंडारण की लिमिट को 3000 टन से घटाकर 2000 टन कर दिया था. गेहूं के अलावा सरकार ने चावल और चीनी की कीमत को कंट्रोल करने के लिए कई तरह के कदम उठाए है. इस कदमों का असर भी दिख रहा है सितंबर में खुदरा महंगाई दर गिरकर 5.02 फीसदी पर आ गई है जो अगस्त 2023 में 6.83 फीसदी थी. सांख्यिकी मंत्रालय के डेटा के मुताबिक सितंबर महीने में खाद्य महंगाई दर में भी बड़ी गिरावट आई है और यह 6.56 फीसदी तक पहुंच गई है.


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