Gautam Adani To Buy NDTV: मंगलवार 23 अगस्त, 2022 की शाम ये खबर आई कि दुनिया के चौथे सबसे अमीर उद्योगपति गौतम अडानी देश की दिग्गज मीडिया कंपनी एनडीटीवी को खरीदने जा रही है. और बुधवार की सुबह जैसे ही बाजार खुला एनडीटीवी के शेयर में जबरदस्त उछाल देखने को मिला. जबरदस्त खऱीदारी के शेयर में 5 फीसदी का उछाल आ गया और शेयर में अपर सर्किट लग गया. यानि कारोबार को रोकना पड़ा. मंगलवार को एनडाटीवी का शेयर 369 रुपये पर क्लोज हुआ था और फिलहाल 5 फीसदी की तेजी के साथ शेयर 388.20 रुपये पर ट्रेड कर रहा है.


एक महीने में 57% चढ़ा NDTV का शेयर
आपको बता दें आज से करीब एक महीने पहले 27 जुलाई, 2022 को एनडीटीवी का शेयर 247 रुपये पर ट्रेड कर रहा था. लेकिन बीते एक महीने में शेयर में जबरदस्त खरीदारी देखने को मिली और शेयर 57.08 फीसदी चढ़कर 388 रुपये पर जा पहुंचा है. निवेशक लगातार एनडीटीवी के शेयर की खरीदारी कर रहे थे.  जबकि एक साल पहले शेयर 71 रुपये पर ट्रेड कर रहा था. यानि एक साल में शेयर में 446 फीसदी का उछाल आ चुका है. अमूमन ये देखा गया है कि जब भी किसी कंपनी का टेकओवर या विलय होना होता था डील के घोषणा से पहले ही शेयर में आग लग जाती है और वहीं एनडीटीवी के शेयर के साथ हुआ है.


कैसे मिली अडानी ग्रुप को NDTV में हिस्सेदारी
अडानी समूह ने  NDTV में 29.19% हिस्‍सेदारी खरीद ली है और 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए ओपन ऑफर लाने की तैयारी में है. जिसकी सूचना कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंजों को दे दी है.  अडानी ग्रुप ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) से पूर्व में जुड़ी एक कंपनी विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (VPCL) का अधिग्रहण किया था. इस कंपनी से 2008-09 में एनडीटीवी ने 250 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. ग्रुप ने इस लोन को अब एनडीटीवी में 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी में बदलने के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया है. इसी के साथ अडानी समूह ने 294 रुपये प्रति शेयर के भाव पर एनडीटीवी में 26 प्रतिशत अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीदने के लिए 493 करोड़ रुपये की खुली पेशकश की है. 



टेकओवर के पीछे की कहानी  
अडानी मीडिया वेंचर्स लिमिटेड (AMVL) की सहयोगी कंपनी वीपीसीएल (VPCL) का आआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड (RRPR) में ‘वॉरंट’ हैं, जो कि एनडीटीवी की प्रोमोटर कंपनी है और एनडीटीवी में उसकी 29.18 फीसदी हिस्सेदारी है. वीपीसीएल के पास इस वॉरंट को 99.9 प्रतिशत हिस्सेदारी में बदलने का अधिकार है. वीसीपीएल ने इसी वारंट का इस्तेमाल कर आरआरपीआर में 99.5 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद ली है. वीसीपीएल शुरुआत में अंबानी समूह से जुड़ी हुई कंपनी थी लेकिन वर्ष 2012 में इस कंपनी को दिल्ली के नहाटा समूह को ट्रांसफर कर दिया गया था. जिसे बाद में अडानी ग्रुप ने नहाटा समूह से खऱीद लिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अडानी समूह ने वीपीसीएल को केवल 114 करोड़ रुपये खरीदा था. जबकि उसके पास मौजूद वारंट का वैल्यू करीब 800 करोड़ रुपये के बराबर था. वीसीपीएल ने अब एनडीटीवी के 1,67,62,530 इक्विटी शेयरों के अधिग्रहण के लिए 294 रुपये प्रति शेयर के मूल्य की पेशकश की है. 


क्या कहते हैं जानकार 
जानकारों का मानना है कि अडानी समूह द्वारा एनडीटीवी के टेकओवर की कोशिशों से रिटेल निवेशकों का फायदा हो सकता है. दरअसल अडानी समूह ने एनडीटीवी में अपनी हिस्सेदारी को 55 फीसदी तक ले जाने के लिए 26 फीसदी की और हिस्सेदारी खरीदने की पेशकश की है. कंपनी ओपेन ऑफर के जरिए 294 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदना चाहती है.  जो कि बुधवार के एनडीटीवी के शेयर के भाव से 24 फीसदी के करीब कम है. ऐसे में सवाल उठता है कि जिन निवेशकों के पास एनटीडीवी के शेयर हैं वे सस्ते में अपने शेयर अडानी समूह को ओपेन ऑफर में बेचेंगे. ऐसे में छोटे निवेशकों के लिए शेयर को खुले बाजार में बेचना ज्यादा फायदेमंद रह सकता है. माना जा रहा है कि एनडीटीवी के शेयर में और भी तेजी आ सकती है. हालांकि जानकारों को ये भी लगता है कि आने वाले दिनों में लंबी कानूनी लड़ाई की शुरूआत हो सकती है. 


क्या है एनडीटीवी का पक्ष 
एनडीटीवी का कहना है कि वीपीसीएल ने कंपनी या फिर उसके प्रोमोटर्स से चर्चा किए बगैर वारंट के जरिए अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए आआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड में 99.50 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की कोशिश की है. एनडीटीवी के प्रोमोटर Prannoy Roy और Radhika Roy के पास अभी भी 32 फीसदी हिस्सेदारी है. कंपनी सभी रेग्युलेटरी और कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है. 


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