ESIC: संगठित सेक्टर में काम करने वाले लोगों के अलावा असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले गिग वर्कर्स को भी सरकार मेडिकल सुविधाएं प्रदान करने के बारे में विचार कर रही है. इसके लिए कर्मचारी राज्य बीमा (Employee State Insurance-ESI) के तहत दिहाड़ी मजदूरी करने वाले कामगारों को भी सामाजिक सुरक्षा देने पर विचार किया जा रहा है. अगर नियमों में बदलाव होता है तो ESIC के जरिए मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा का दायरा निश्चित रूप से बढ़ जाएगा. इसके लिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम (Employee State Insurance Corporation-ESIC) लगातार बैठक करके इस पर विचार कर रहा है.


सरकार बना रही प्लान


बिजनेस स्टैंडर्ड में छपी रिपोर्ट के अनुसार ईएसआईसी लंबे वक्त से असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों को ESIC के तहत मिलने वाली मेडिकल सुविधाओं में शामिल के लिए प्रयास कर रहा है. इसके लिए ESIC ने खाका तैयार भी कर लिया है. फिलहाल ESIC ने इस मामले पर किसी तरह का आधिकारिक बयान नहीं दिया है.


संगठित क्षेत्र में काम करने वालों को मिलती है सामाजिक सुरक्षा


कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 के ईएसआई सोशल स्कीम के तहत फिलहाल केवल उन कंपनियों को ही इस स्कीम का लाभ मिलता है, जहां 10 या उससे अधिक लोग काम करते हैं और उनकी सैलरी 21,000 रुपये प्रति माह है. श्रम मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, इस योजना के तहत 36 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के कुल 611 जिलों में ESI के हॉस्पिटल और 1,547 डिस्पेंसरी मौजूद हैं.


इसके जरिए कुल 3.72 करोड़ बीमाधारकों समेत 12 करोड़ से अधिक लोगों को इस सोशल स्कीम का लाभ दिया जा रहा है. अगर इस स्कीम के दायरे को असंगठित क्षेत्र तक बढ़ा दिया जाता है तो निश्चित तौर पर बीमा धारकों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी. सितंबर 2023 में संसद की एक स्थाई समिति ने ESIC के कवरेज पर सवाल उठाते हुए इसके दायरे को गिग और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों तक बढ़ाने की बात कही थी. इसके बाद से ही इसके दायरे को बढ़ाने पर लगातार विचार किया जा रहा है. 


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