Employees Provident Fund Organization: देश में रोजगार को लेकर अच्छी खबर सामने आई है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी EPFO ने सितंबर, 2022 के दौरान 16.8 लाख सब्सक्राइबर जोड़े हैं, जो 2021 में इसी माह की तुलना में 9.14 फीसदी अधिक है. जबकि महीने के दौरान नेट सब्सक्राइबर पिछले वित्त वर्ष के दौरान दर्ज मासिक औसत से 21.85 फीसदी अधिक है. यह जानकारी ईपीएफओ ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर की है.  


आंकड़ों की बात करें तो 2,861 नए प्रतिष्ठानों ने अपने कर्मचारियों के लिए सोशल सिक्योरिटी सुनिश्चित करते हुए ईपीएफओ और एमपी एक्ट के तहत 1952 का अनुपालन शुरू कर दिया है. ईपीएफओ की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, 16.8 लाख सब्सक्राइबर में से 9.34 लाख मेंबर पहली बार ईपीएफओ पोर्टल के तहत रजिस्टर्ड किए गए हैं. 


सबसे अधिक 18-25 आयुवर्ग के कर्मचारी 
इन सब्सक्राइबर्स में सबसे अधिक 18 से 25 साल के कर्मचारी हैं, जो 16.8 लाख का करीब 58.75 फीसदी है. 18 से 21 साल के 2.94 लाख कर्मचारी ईपीएफओ से एड हुए हैं. वहीं 2.54 लाख मेंबर्स 21 से 25 आयुवर्ग के हैं. वहीं आंकड़ों से यह भी जानकारी मिली है कि 7.49 लाख नेट मेंबर्स योजना से बाहर हो चुके हैं, लेकिन नए संस्थान या कंपनी के माध्यम से फिर से जुड़े हैं. वहीं मासिक आधार पर ईपीएफओ से निकलने वाले मेंबर्स की संख्या इससे पिछले महीने की तुलना में करीब 9.65 फीसदी कम रही है. 



सितंबर में 3.50 लाख जुड़ी महिलाएं 
महिला-पुरुष आंकड़ों की बात करें तो सितंबर में शुद्ध रूप से 3.50 लाख महिलाएं संगठित क्षेत्र से जुड़ी हैं. यह पिछले साल सितंबर माह से 6.98 फीसदी अधिक है. पीटीआई के मुताबिक,  मासिक आधार पर महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और ओड़िशा में ईपीएफओ के दायरे में आने वाले सदस्यों की संख्या में इजाफा हुआ है. 
 
श्रम मंत्रालय ने क्या कहा 
श्रम मंत्रालय ने कहा कि इससे पता चलता है कि पहली बार नौकरी चाहने वाले अपनी शिक्षा के बाद बड़ी संख्या में संगठित क्षेत्र के कार्यबल में शामिल हो रहे हैं और संगठित क्षेत्र में नई नौकरियां बड़े पैमाने पर युवाओं को जा रही हैं.


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