Elon Musk: टेस्ला (Tesla) और स्पेसएक्स (SpaceX) के सीईओ एलन मस्क (Elon Musk) साल 2021 से दुनिया के सबसे दौलतमंद आदमी बने हुए हैं. वह इतिहास में पहले ऐसे व्यक्ति हैं, जिनका नेटवर्थ अब 700 बिलियन डॉलर के आंकड़े को भी पार कर चुका है. कोर्ट के एक फैसले के बाद एलन मस्क ने यह बड़ी जीत हासिल की.
दरअसल, डेलावेयर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल रद्द किए गए 139 बिलियन डॉलर के टेस्ला स्टॉक ऑप्शन को बहाल कर दिया. इस फैसले के बाद शुक्रवार देर रात मस्क की नेटवर्थ बढ़कर लगभग 749 बिलियन डॉलर हो गई.
क्या था मामला?
साल 2018 में कंपनी को नए मुकाम पर ले जाने के लिए उन्हें टेस्ला ने 55 अरब डॉलर की सैलरी पैकेज दी थी. ये पैसे उन्हें तभी मिलने थे, लेकिन नहीं मिले. उस वक्त टेस्ला की हालत अभी जैसी नहीं थी, उसका मार्केट वैल्यूएशन 50 से 75 अरब डॉलर के करीब था. ऊपर से कंपनी को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के प्रोडक्शन में लगातार पैसे खर्च करने पड़ रहे थे. तब कंपनी के बोर्ड ने कई और बड़े लक्ष्य तय किए और इनके पूरे हो जाने के बाद ही मस्क को पैकेज के तहत पैसा मिलने की बात कही.
वक्त बीता और टेस्ला की भी हालत सुधरी. प्रोडक्शन बढ़ा, कंपनी का मार्केट कैप बढ़ा और फिर मस्क तय लक्ष्यों को हासिल कर लेने के अनुरूप अपने सैलेरी पैकेज के हकदार बन गए, लेकिन मामला तब गड़बड़ाया जब जनवरी 2024 में टेस्ला के एक शेयरहोल्डर ने इस पैकेज को निचली अदालत में चुनौती दी. तब कोर्ट ने यह कहते हुए पैकेज को रद्द कर दिया कि इसे गलत तरीके से तय किया गया है.
फैसले से नाराज मस्क ने टेस्ला को डेलावेयर से टेक्सास में दोबारा रजिस्ट्रेशन करने का फैसला लिया, तो मामला डेलावेयर के सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा, जिसने अब निचली अदालत के फैसले को पलट दिया और इसमें कई गलतियों का जिक्र करते हुए पैकेज को फिर से बहार कर दिया.
लैरी पेज से कितनी ज्यादा है मस्क की दौलत?
इस हफ्ते की शुरुआत में एयरोस्पेस स्टार्टअप SpaceX के आईपीओ लाने की खबरो के बीच मस्क का नेटवर्थ 600 बिलियन डॉलर से ज्यादा हो गया था. नवंबर में, टेस्ला के शेयरहोल्डर्स ने अलग से मस्क के लिए 1 ट्रिलियन डॉलर के पे प्लान को मंजूरी दी - जो इतिहास का सबसे बड़ा कॉर्पोरेट पे पैकेज है. यह टेस्ला को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स पावरहाउस में बदलने के उनके विजन के एवज में था. फोर्ब्स के मुताबिक, अब मस्क की दौलत दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति लैरी पेज से लगभग 500 बिलियन डॉलर ज्यादा है.
ये भी पढ़ें:
चीन के हाथ लगा जैकपॉट, समंदर के नीचे ढूंढ़ निकाला एशिया का सबसे बड़ा सोने का भंडार