Anil Ambani: केंद्रीय जांच एजेंसी ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने अनिल अंबानी की ADAG ग्रुप की कंपनियों पर बड़ी कार्रवाई की है. एक नए प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर के तहत करीब 1400 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को जब्त कर लिया गया है. इसके साथ ही ED अब तक ADAG ग्रुप से जुड़ी कुल 9000 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच कर चुकी है. जब्त की गईं ये प्रॉपर्टीज नवी मुंबई, चेन्नई, पुणे और भुवनेश्वर में हैं.  ये कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी जांच का हिस्सा है. ED का कहना है कि जांच जारी है और जरूरत पड़ने पर आगे भी संपत्तियां अटैच की जा सकती है.

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क्या है ईडी का आरोप?

ईडी ने पहले भी इसी जांच के तहत 7500 करोड़ रुपये के एसेट्स भी अटैच किए थे, जो अंबानी के ग्रुप की कंपनियों से जुड़ी कथित फाइनेंशियल गड़बड़ियों पर आधारित है. जांच अभी भी जारी है और उम्मीद है कि ED एसेट्स के नेचर और जांच के दायरे में आने वाले ट्रांजैक्शन से उनके लिंक के बारे में और डिटेल्स जारी करेगा.

एजेंसी ने पिछली बार अगस्त में अंबानी से पूछताछ की थी. ईडी की यह जांच जयपुर-रींगस हाईवे प्रोजेक्ट्स से संबंधित है, जिसके लिए साल 2010 में रिलायंस इंफ्रा को ठेका दिया गया था. एजेंसी का आरोप है कि इसी प्रोजेक्ट से से सूरत की शेल कंपनियों के जरिए 40 करोड़ रुपये विदेश भेजे गए. यह 600 करोड़ रुपये से ज्यादा के एक बड़े इंटरनेशनल हवाला नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है. 

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CBI ने भी दर्ज की FIR

इससे पहले एफआईआर दर्ज करते हुए सीबीआई भी अनिल अंबानी, RCOM और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी, षडयंत्र और भ्रष्टाचार के आरोप लगा चुकी है. बताया गया कि साल 2010 से 2012 के बीच भारत और विदेश के कुछ बैंकों से 40,000 करोड़ रुपये से अधिक का लोन लिया था. ये पैसे जिन अकाउंट्स में ट्रांसफर किए गए, उनमें से 5 को बैंक की तरफ से फ्रॉड घोषित किया जा चुका है. 

 

 

 

 

 

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