Vedanta Total Debt: गंभीर कर्ज संकट से जूझ रही धातु एवं खनन क्षेत्र की दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड (Vedanta Resources Ltd) ने हिस्सेदारी की बिक्री की खबरों का खंडन किया है. कंपनी ने साफ किया है कि वह कर्ज चुकाने के लिए हिस्सेदारी की बिक्री (Vedanta Stake Sale) को लेकर किसी भी फंड से कोई बातचीत नहीं कर रही है. कंपनी कर्ज का पुनर्भुगतान (Vedanta Debt Repayment) करने के लिए फंडिंग के अन्य विकल्पों पर गौर कर रही है.


खबरों में किया गया ये दावा


मीडिया के एक धड़े में ऐसी खबरें चल रही थीं कि लंदन बेस्ड उद्योगपति अनिल अग्रवाल (Vedanta Chairman Anil Agarwal) की कंपनी कर्ज चुकाने के लिए हिस्सेदारी बेचने की संभावनाओं पर गौर कर रही है. खबरों में दावा किया गया था कि वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड भारत में लिस्टेड अपनी कंपनी वेदांता लिमिटेड (Vedanta Ltd) की 10 फीसदी हिस्सेदारी की रणनीतिक बिक्री करने के लिए इन्वेस्टर्स से संपर्क कर रही है. इसके अलावा खबरों में यह भी कहा गया था कि कंपनी अपनी घरेलू अनुषंगियों के कैश फ्लो और उधार लिए गए पैसों को डिविडेंड के जरिए पैरेंट कंपनी को भेजकर भी उधारी चुकाने के एक हिस्से का इंतजाम कर सकती है.


वेदांता ने किया खबरों का खंडन


खबरों के अनुसार, वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड ने हिस्सेदारी की संभावित बिक्री के लिए अबु धाबी के मुबाडला (Abu Dhabi's Mubadala), बहरीन के इन्वेस्टकॉर्प (Bahrain's Investcorp) और सऊदी अरब के पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड (Saudi Arabia's Public Investment Fund) समेत खाड़ी देशों के कुछ सॉवरेन वेल्थ फंड्स व अल्टरनेटिव एसेट मैनेजर्स से बातचीत की है. इसके अलावा खबरों में अबु धाबी के शेख तह्नून बिन जायद अल-नाह्यान (Sheikh Tahnoon bin Zayed al-Nahyan) की अगुवाई वाली इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (International Holding Company) से संपर्क किए जाने का भी दावा किया जा रहा था. हालांकि वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड ने हिस्सेदारी की बिक्री से जुड़ी खबरों का खंडन किया है. कंपनी का साफ कहना है कि हिस्सेदारी बेचने की उसकी कोई योजना नहीं है.


वेदांता प्रवक्ता ने दिया ये बयान


अंग्रेजी अखबार ईटी की एक खबर के अनुसार, वेदांता के एक प्रवक्ता ने बिक्री से जुड़ी खबरों का खंडन करते हुए कहा, हम कर्ज लेने या हिस्सेदारी बेचने के लिए किसी भी फंड या सॉवरेन वेल्थ फंड से संपर्क करने की खबरों का खंडन करते हैं. हम कर्ज की आने वाली किस्तों का भुगतान करने के हिसाब से अच्छी स्थिति में हैं. अत: पैसे जुटाने के लिए वेदांता के द्वारा किसी फंड से संपर्क करने की खबरें महज कयास हैं और उनका कोई आधार नहीं है.


तीन महीने में चुकाने हैं इतने पैसे


दरअसल वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड अभी गंभीर कर्ज संकट से जूझ रही है. कंपनी को जून के अंत तक कर्ज की किस्तों के रूप में करीब 02 बिलियन डॉलर का भुगतान करना है. इससे पहले वेदांता लिमिटेड की पैरेंट कंपनी वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड ने पिछले महीने बताया था कि उसने इस साल मार्च तक की सारी देनदारियों का भुगतान पहले ही कर दिया है. कंपनी ने जून तिमाही के अंत तक किए जाने वाले सभी भुगतान को लेकर भी भरोसा जाहिर किया था.


वेदांता चेयरमैन ने किया था ये दावा


वहीं वेदांता चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने इस महीने की शुरुआत में एक इंटरव्यू में दावा किया था कि उनकी कंपनी के लिए बकाया कर्ज की रकम मूंगफली के दाने बराबर है. उन्होंने फाइनेंशियल टाइम्स से बात करते हुए कहा था कि यह कोई बड़ी रकम नहीं है. कंपनी का कमॉडिटी बिजनेस पर्याप्त नकदी दे रहा है और उन्हें इस साल अपने समूह का मुनाफा 9 बिलियन डॉलर रहने की उम्मीद है. अनिल अग्रवाल ने यह भी दावा किया था कि हर कोई वेदांता को पैसे देना चाहता है. हालांकि उन्होंने किसी बैंक या फंड का नाम नहीं बताया था.


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