Credit Guarantee Scheme For Startups: देश के स्टार्टअप (Startups) के लिए अच्छी खबर सामने आ रही है. देश पिछले कुछ सालों में लाखों स्टार्टअप शुरू हुए हैं. आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने स्टार्टअप्‍स के लिए एक क्रेडिट गारंटी योजना (Credit Guarantee Scheme) लॉन्च की है. अब स्टार्टअप को एक तय सीमा में किसी भी गारंटी के बिना लोन मिल सकेगा. 


इन्हें मिलेगा फायदा 
मालूम हो कि केंद्र के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है. इस नोटिस में जानकारी दी गई है कि पात्र स्टार्टअप्‍स के लिए 6 अक्टूबर 2022 या उसके बाद अप्रूव्ड लोन इस योजना से लाभ ले सकते है.


क्या है क्रेडिट गारंटी योजना 
नोटिफिकेशन के मुताबिक, केंद्र सरकार ने स्टार्टअप के लिए योग्य स्टार्टअप को फाइनेंस करने के लिए सदस्य संस्थानों (एमआई) द्वारा दिए गए लोन को क्रेडिट गारंटी प्रदान करने के उद्देश्य से ‘स्टार्टअप के लिए क्रेडिट गारंटी योजना’ (सीजीएसएस) को मंजूरी दी है.” यह योजना स्टार्टअप्‍स को जरूरी गारंटी के बिना लोन देने में मदद करेगी.


स्टार्टअप को बढ़ावा दे रही सरकार
हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से भारत में पिछले कुछ सालों में स्टार्टअप्स को काफी सपोर्ट मिला है. देश में अब 100 से अधिक स्टार्टअप यूनिकॉर्न हो चुके हैं. स्टार्टअप्स की वैल्यूएशन 1 अरब डॉलर होने पर इन्हें यूनिकॉर्न कहा जाता है. सरकार स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देने के लिए अगले 5-6 साल में 10,000 से अधिक स्टार्टअप को जेनेसिस कार्यक्रम के तहत इंसेंटिव देगी.


इतना मिलेगा लोन
देश में कर्ज देने वाले संस्थानों में बैंक, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस, एनबीएफसी और एआईएफ शामिल हैं. ये संस्थान लोन देने के लिए योजना के तहत पात्र है. इस बारे में विभाग का कहना है कि, लोन लेने वाले प्रत्येक स्टार्टअप का अधिकतम गारंटी कवर 10 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं होगा. यहां कवर की जा रही क्रेडिट राशि किसी अन्य गारंटी योजना के तहत कवर नहीं की जानी चाहिए.


सरकार बना रही है ट्रस्ट
आपको बता दें कि इस योजना के लिए भारत सरकार द्वारा एक ट्रस्ट या फंड की स्थापना की जाएगी. इसका मकसद पात्र स्टार्टअप को दिए लोन के डिफॉल्ट होने पर लोन देने वाली संस्थाओं को भुगतान की गारंटी देना है. इसका मैनेजमेंट नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड के बोर्ड द्वारा किया जाएगा.


स्टार्टअप को मिलेगा लोन
इस योजना के तहत ऐसे मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को लोन दिया जाएगा, जो 12 महीने से स्टेबल रेवेन्यू की स्थिति में हैं, जो लोन वापस करने में सक्षम हैं और वे स्टार्टअप जिसने पहले किसी तरह के लोन को वापस करने में कोई चूक न की हो. स्टार्टअप को आरबीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार नॉन परफॉर्मिंग एसेट के रूप में वर्गीकृत नहीं होना चाहिए.


 


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