चीन, अजरबैजान, यूएई और सऊदी अरब की ओर से वर्ल्ड बैंक को दिए गए आंकड़ों में गड़बड़ी पाए जाने से 'Doing business report' का प्रकाशन रोक दिया गया है. वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ल्ड बैंक के चीफ इकनॉमिस्ट ने दो साल पहले यह मामला उठाया था कि कुछ देशों की ओर से डेटा में गड़बड़ी की जा सकती है. 2019 में चीन के डुइंग बिजनेस रिपोर्ट की रैंकिंग में 46 से सीधे 31वीं रैंकिंग पर पहुंच जाने के बाद गड़बड़ी की आशंका पैदा हुई थी.


वर्ल्ड बैंक ने कहा, आंकड़ों में किया गया हेरफेर


वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि पिछली रिपोर्टों में डेटा की गड़बड़ियां सामने आई हैं. इसके बाद से रिपोर्ट प्रकाशित न करने का फैसला किया गया है.वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि Doing business रिपोर्ट 2018 और 2019 में डेटा परिवर्तन में कई अनियमितताओं का पता चला है. ये रिपोर्ट्स 2017 और 2019 में प्रकाशित हुई थीं. वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि Doing business रिपोर्ट प्रकाशित करने के लिए जो तरीका अपनाया जाता है, उससे आंकड़े मेल नहीं खा रहे हैं.


इंटरनल ऑडिट का आदेश


वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि इस बारे में एक्जीक्यूटिव डायरेक्टरों को सूचित कर दिया गया है. डेटा की अनियमितता से जो देश सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं उन्हें भी इसके बारे में बता दिया गया है. हम हालात का जायजा ले रहे हैं लिहाजा Doing business रिपोर्ट का प्रकाशन फिलहाल रोकने का फैसला किया गया है. वर्ल्ड बैंक का कहना है वह पिछली पांच Doing business रिपोर्ट के डेटा की भी जांच का भी तरीका बना रहा है.


कारोबारी सुगमता रैंकिंग में भारत की स्थिति अच्छी


वर्ल्ड बैंक का कहना है कि इससे डेटा की वस्तुनिष्ठता औैर विश्लेषण की निष्पक्षता प्रभावित होती है. वर्ल्ड बैंक अब डेटा से जुड़े पूरे सिस्टम की समीक्षा कर रहा है. इसके साथ ही उसने बैंक में इंटरनल ऑडिट रिपोर्ट का भी आदेश दे दिया है. इससे यह पता लगाया जाए कि डेटा कैसे इकट्ठा किया जा रहा है और इसकी क्या वस्तुनिष्ठता है. 'Doing business'रिपोर्ट 2020 में भारत की रैकिंग 14 रैंक ऊपर उठ कर 63 पर पहुंच गई थी. 2014 में भारत 79वीं रैंक पर था.


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