नई दिल्लीः कल जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस की आपदा को 'एक्ट ऑफ गॉड' यानी ईश्वर का कृत्य बताया है और कहा है कि इसके चलते भारत की अर्थव्यवस्था और सिकुड़ सकती है. कल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस महामारी का जिक्र करते हुए कहा कि इस प्राकृतिक आपदा से चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में गिरावट आ सकती है. हालांकि इसके बाद वित्त मंत्री लोगों के निशाने पर भी आ गई.
जीएसटी काउंसिल की बैठक में राज्यों को दो विकल्प दिए गए वित्त मंत्री ने कहा कि पांच घंटे चली जीएसटी परिषद की बैठक में राज्यों को क्षतिपूर्ति के दो विकल्पों पर चर्चा की गयी है. वित्त मंत्री ने राज्यों को जो विकल्प प्रदान किए हैं उसके तहत केंद्र ने पहला विकल्प दिया है कि आरबीआई के परामर्श से राज्यों को एक विशेष उधारी मार्ग प्रदान किया जा सकेगा और राज्यों को उचित ब्याज दर पर 97,000 करोड़ रुपये प्रदान कर सकता है. पैसा सेस के कलेक्शन से पांच साल बाद चुकाने की सुविधा दी जा सकती है.
दूसरे विकल्प के तौर पर केंद्र सरकार ने कहा है कि इस साल पूरे जीएसटी मुआवजे के अंतर को आरबीआई से सलाह लेने के बाद उधार के जरिए पूरा किया जा सकता है.
राज्यों को विकल्पों पर सात दिनों का समय कल की बैठक के बाद केंद्र की तरफ से राज्यों को लिस्टेड ऑप्शंस पर अपने विचारों के साथ सामने आने के लिए सात दिनों का समय दिया गया है. जिन विकल्पों पर चर्चा हुई, वे केवल चालू वित्त वर्ष के लिये हैं, जीएसटी परिषद अगले साल अप्रैल में एक बार फिर मामले पर विचार करेगी.
क्या है इन विकल्पों का अर्थ जो विकल्प दिए गए हैं उसमें पहले ऑप्शन में केंद्र खुद उधार लेकर राज्यों को मुआवजा देने पर चर्चा कर रहा है. वहीं दूसरे विकल्प के तौर पर राज्यों को आरबीआई से सीधे उधार लेने की बात कही गई है. हालांकि राज्य अब चाहते हैं कि केंद्र सरकार मार्केट से कर्ज ले और जीएसटी में उसके हिस्से की कमी की भरपाई इससे करे. उनका कहना है कि वे भी कर्ज ले सकते हैं लेकिन केंद्र सरकार को इसकी गारंटी देनी होगी.
कोरोना को एक्ट ऑफ गॉड बताने पर ट्विटर पर वित्त मंत्री हुईं ट्रोल-ऐसे आए रिएक्शन्स वहीं कल कोरोना महामारी को एक्ट ऑफ गॉड बताने पर वित्त मंत्री ट्विटर पर ट्रोल हो गईं. लोगों ने अपने रिएक्शन्स में कहा कि अगर सब भगवान की माया है तो सरकार की जरूरत ही क्या है. इस तरह के कई रिएक्शन्स ट्विटर पर देखे गए जिनमें लगभग सभी वित्त मंत्री को ट्रोल कर रहे थे.
चालू वित्त वर्ष में जीएसटी कलेक्शन में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी कल जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री ने बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 में जीएसटी कलेक्शन में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी रही, इसमें से केवल 97,000 करोड़ रुपये की कमी का कारण जीएसटी क्रियान्वयन है. बाकी कमी का कारण कोरोना वायरस महामारी है. राजस्व सचिव ने भी जानकारी दी कि कोविड-19 महामारी के कारण जीएसटी कलेक्शन पर बहुत बुरा असर पड़ा है.