Union Budget 2023 India: आगामी बजट 2023 में देश के आम नागरिकों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगी. इससे पहले वित्त मंत्री के सामने तमाम बिजनेस एसोसिएशन और एक्सपर्ट्स की मांगें भी आ चुकी हैं.. टेरापंथ प्रोफेशनल फोरम ने बजट को लेकर अपने सुझाव मंत्रालय को पेश किए हैं. ऐसे में सरकार से टैक्स की लिमिट बढ़ाने की उम्मीद की जा रही है. 


टीपीएफ ने वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी से मांग की है कि पांच लाख रुपये तक की आय को टैक्स सीमा से बाहर रखा जाए. साथ ही एक्सपोर्ट प्रमोशन और जीएसटी को लेकर भी सुझाव दिया है. वहीं यह भी मांग की गई है कि कुछ योजनाओं के टैक्स छूट की लिमिट और निवेश को बढ़ाया जाए, जिसमें पीपीएफ जैसे बचत योजनाएं शामिल हैं. 


बजट को लेकर टीपीएफ के सुझाव 


टीपीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज ओसवाल ने कहा कि समाज और देश की इकोनॉमी को बेहतर करने के लिए सुझाव दिए गए हैं. टीपीएफ ने मांग की है कि 5 लाख रुपये तक का टैक्स स्लैब में छूट दी जाए यानी की पांच लाख रुपये तक आय पर कोई टैक्स नहीं वसूला जाए. इसके साथ ही स्टैंडर्स डिडक्शन को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये तक किया जाए. 


पीपीएफ की सीमा में बढ़ोतरी की मांग 


टीपीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज ओसवाल ने कहा है कि पीपीएफ की सीमा को 1.5 लाख रुपये सालाना निवेश को बढ़ाकर 3 लाख रुपये किया जाए. इसके साथ ही आयकर की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये टैक्स छूट को बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने की मांग की गई है. अगर सरकार ऐसा करती है तो आम नागरिकों बड़ा लाभ मिल सकता है. 


आयकर की धारा 80TTA के तहत भी छूट की उम्मीद 


आयकर की धारा 80TTA के तहत भी छूट को बढ़ाने की उम्मीद की जा रही है. टैक्सपेयर्स मांग कर रहे हैं कि सेक्शन 80TTA के तहत 10 हजार के टैक्स छूट को 50 हजार तक किया जाए. वहीं आम नागरिकों को बच्चों की शिक्षा और हेल्थ इंश्योरेंस जैसी चीजों को लकर भी छूट की उम्मीद है. बता दें कि वित्त मंत्रालय को टीपीएफ की ओर से दिए गए रिपोर्ट का स्वागत किया गया है. 


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