नई दिल्लीः कल सुबह देश का बजट पेश होगा और इसे पेश होने में चंद घंटे बाकी रह गए हैं और देश के तमाम इंडस्ट्रियल सेक्टर्स की सरकार से ये मांग है कि उन्हें इस बजट में ऐसे इंसेटिव या राहत दी जाएं जिससे उद्योगों की हालत को सुधारा जा सके. हर साल की तरह टेलीकॉम सेक्टर भी सरकार से उम्मीद कर रहा है कि उसे स्पेक्ट्रम, कॉल दरों के मोर्चें पर कुछ राहत दी जाए.


टेलीकॉम उपकरणों की बिक्री पर ये है मांग
टेलीकॉम उपकरणों की बिक्री को डीम्ड निर्यात का दर्जा दिए जाने की मांग की जा रही है और ये मांग लंबे समय से उठ रही है. पीएमआई नियमों का पालन करते हुए जिन भी टेलीकॉम उपकरणों की बिक्री को डीम्ड निर्यात का दर्जा दिया जा सके वो प्रदान किया जाना चाहिए.


लाइसेंस शुल्क में कमी का एलान किया जाए
टेलीकॉम कंपनियों की मांग है कि स्पेक्ट्रम लाइसेंस शुल्क में कुछ ऐसी कमी की जाए जिससे इस सेक्टर में मौजूद प्लेयर्स जिन कड़ी प्रतिस्पर्धा और बढ़ी हुई लागत का सामना कर रहे हैं उनसे उन्हें कुछ राहत मिल सके. इसके अलावा स्पेक्ट्रम यूसेज चार्जेज यानी (एसयूसी) में भी सरकार कमी करे इसकी मांग सरकार से की जा रही है.


लाइसेंस फीस-स्पेक्ट्रम यूसेज चार्जेज में इतने फीसदी की कटौती की है मांग
टेलीकॉम इंडस्ट्री को उम्मीद है कि लाइसेंस फीस को 8 फीसदी से घटाकर 3 फीसदी कर दिया जाए और स्पेक्ट्रम यूसेज चार्जेज यानी (एसयूसी) को घटाकर 1-2 फीसदी पर ले आया जाए. ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि आने वाले 5जी स्पेक्ट्रम की बोली के लिए मौजूदा टेलीकॉम के खिलाड़ी ज्यादा से ज्यादा स्पेक्ट्रम खरीद सकें.


भारी कर्ज से जूझ रही इंडस्ट्री के लिए राहत के एलान की उम्मीद
बता दें कि टेलीकॉम इंडस्ट्री इस समय भारी कर्ज से जूझ रही है और करीब 8 लाख करोड़ रुपये के भारी कर्ज में डूबी है और इसके साथ ही उस पर 1.47 लाख रुपये की देनदारी भी है. सरकार से इस समय उम्मीद की जा रही है कि कुछ ऐसे ऐलान किए जाएं जिससे इस देनदारी से कंपनियों को राहत मिले.


टेलीकॉम इंडस्ट्री की इसके अलावा टावर लगाने की योजनाओं में तेजी लाने, इंडस्ट्री के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बैंक बनवाने जैसी मांगों पर भी ध्यान देने की मांग है. इंडस्ट्री मान रही है कि सरकार टेलीकॉम सेक्टर को बूस्ट देने के लिए बड़े एलान करेगी जिससे इस सेक्टर की बेहतरी में तेजी आ सके.