नई दिल्ली: अंतरिम बजट पेश करने से नौ दिन पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल को बुधवार को वित्त और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया गया. अरुण जेटली अस्वस्थ हैं और इलाज के लिए विदेश में हैं, इस वजह से उनके मंत्रालयों का प्रभार गोयल को दिया गया है. पीयूष गोयल मोदी सरकार का आखिरी बजट पेश कर सकते हैं.


राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी सूचना में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह पर वित्त और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार अस्थायी रूप से गोयल को सौंपा गया है. गोयल के पास पहले से जो मंत्रालय हैं वह उसका कामकाज भी देखते रहेंगे.


बीजेपी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार को एक फरवरी को अपने मौजूदा कार्यकाल का अंतिम बजट पेश करना है. इसके अलावा जेटली को उनके इलाज तक बिना पोर्टफोलियो वाला मंत्री बनाया गया है. स्वस्थ होने के बाद जेटली फिर से वित्त और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालेंगे.


इससे पहले पिछले साल मई में भी गोयल को दोनों मंत्रालयों का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था. उस समय जेटली का गुर्दा प्रत्यारोपण हुआ था. गोयल ने 100 दिन तक जेटली की अनुपस्थिति में इन मंत्रालयों का प्रभार संभाला था. जेटली पिछले साल 23 अगस्त को काम पर लौट आए थे और उन्होंने वित्त और कॉरपोरेट मंत्रालयों की जिम्मेदारी फिर संभाल ली थी.


अंतरिम बजट क्या होता है?
पिछले काफी वक्त से लोकसभा के चुनाव मार्च-अप्रैल महीने में होते आ रहे हैं. इस वजह से अपने कार्यकाल के आखिरी साल में केंद्र सरकार पूर्णकालिक बजट पेश नहीं कर पाती है. हालांकि वर्तमान सरकार के लिए जरूरी होता है कि नई सरकार के आने तक वो सरकारी खर्चों को चलाने का पूरा इंतजाम करे. अब जबकि सरकार को नहीं पता होता कि पूरे साल शासन करने का मौका उसे मिलेगा या नहीं, इसलिए वो कुछ महीनों का बजट ही तैयार करती है. इस बजट को वोट ऑन अकाउंट या (अंतिरम बजट) कहा जाता है.


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