नई दिल्लीः बजट काउंटडाउन शुरू हो चुका है और  1 फरवरी को आने वाला है बजट. अब इसमें सिर्फ 1 हफ्ता बचा है और वित्त मंत्री सहित बजट की पूरी टीम इसके लिए व्यस्त है. इस बार आम बजट में काफी बदलाव देखे जाएंगे जैसे रेल बजट आम बजट का हिस्सा होगा और अलग से रेल बजट पेश नहीं होगा. बजट में प्लान्ड और नॉन प्लान्ड एक्सपेंडिचर अलग से नहीं दिखाए जाएंगे.


वैसे संसद में बजट पेश करने का काम वित्त मंत्री का होता है लेकिन इसे तैयार करने के पीछे एक पूरी टीम होती है. इसमें वित्त मंत्रालय के कई बड़े अधिकारी और खास अफसरों की टीम जी-जीन लगाकर बजट तैयार करती है. बजट की बारीकियां तय करने से लेकर उसे अंतिम रूप देने में वित्तीय अधिकारियों की पूरी कोर टीम जुटती है. हर साल इसमें अलग-अलग अधिकारी शामिल होते हैं. तो इस साल इस बजट सेना में कौन-कौन से सिपहसालार शामिल हैं आइये आपको बताते हैं.


1. वित्त मंत्री अरुण जेटलीः जाहिर तौर पर वित्त मंत्री अरुण जेटली तो बजट बनाने की सेना के सेनापति हैं ही लेकिन इसमें उनका साथ देते हैं अर्थ जगत के जानकार और वित्त-राज्स्व मंत्रालय के बड़े अधिकारी.


2. राजस्व सचिव हसमुख अढ़ियाः जीएसटी से पहले आयकर का दायरा बढ़ाने के तरीके सुझाना राजस्व सचिव हसमुख अढ़िया की जिम्मेदारी रही. जीएसटी से पहले इनडडायरेक्ट टैक्स में बदलाव और इससे जुड़े सुझाव देने के साथ टैक्स ढांचे में जो बदलाव लाने हैं उनके लिए कानून में क्या-क्या बदलाव करने हैं, इसका पूरा खाका हसमुख अढिया ने तैयार किया है. अब जब जीएसटी लागू होने की तारीख 1 अप्रैल की बजाए 1 जुलाई तय हो गई है तो इनके पास नए प्रावधानों पर काम करने का और ज्यादा समय है.


3. वित्त सचिव अशोक लवासा. सरकार के वित्तीय घाटे के टार्गेट को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग मंत्रालयों की मांगो में संतुलन बनाने का काम वित्त सचिव अशोक लवासा ने संभाला है. हरियाण कैडर के 1980 बैच के आईएएस अधिकारी अशोक लवासा को मंत्रालयों की बजट से मांग और वित्तीय घाटे के बीच संतुलन बनाने का काम संभालने का बड़ा जिम्मा दिया गया है.


3. आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दासः आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास बजट की कोर टीम में सबसे अनुभवी हैं. ये बजट टीम के प्रमुख चेहरों में से एक हैं. नोटबंदी के बाद देश की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने, आर्थिक सुधार से जुड़े बड़े कदम सुझाने और निजी निवेश बढ़ाने के तरीकों को बजट में शामिल करने का काम शक्तिकांत दास ने किया.


4. मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन: पिछले बजट में अरविंद सुब्रमणियन को वित्तीय खर्च के लक्ष्य को कम करने में सफलता नहीं मिली थी पर इस बार के बजट में अरविंद सुब्रमणियन का बड़ा असर देखने को मिलेगा. बजट से पहले पेश होने वाले आर्थिक सर्वे की पूरी तैयारियों के पीछे इनका चेहरा है और सरकार बजट में आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर ही बड़े फैसले लेती है.


5. वित्तीय सेवा विभाग की सेक्रेटरी अंजुली दुग्गलः बजट टीम में वित्तीय सेवा विभाग की सेक्रेटरी अंजुली दुग्गल की भूमिका भी खास बताई जा रही है. नोटबंदी के बाद बैंकों के पास बढ़े डिपॉजिट के अलावा बैंकों की आर्थिक हालात को सुधारने के लिए खाका तैयार करने का काम इनके जिम्मे सौंपा गया था.


बजट की कोर टीम के अलावा माना जा रहा है कि इस बार बजट बनाने में पीएमओ भी काफी सक्रिय रहा है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि बजट को आखिरी रूप देने के पहले से ही प्रधानमंत्री कार्यालय में रोजाना इस बारे में बैठकें होती थीं. इसमें वित्त मंत्री अरुण जेटली और बजट टीम के साथ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद पीएमओ के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बजट की बड़ी बातों पर अंतिम फैसले लिए हैं.


विपक्षी पार्टियों ने 4 फरवरी से शुरू होने वाले 5 राज्यों के चुनावों के मद्देनजर 1 फरवरी को बजट रोकने के लिए कई जगह अर्जी दीं पर अब सुप्रीम कोर्ट ने भी कुछ शर्तों के साथ 1 फरवरी को ही बजट लाने को हरी झंडी दी है. जिन 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं उनके लिए किसी विशेष पैकेज या योजना का ऐलान सरकार नहीं कर सकती. इन राज्यों में केंद्र सरकार के कामों का बखान बजट के दौरान नहीं किया जा सकेगा आदि.