नई दिल्ली: मोदी सरकार जल्द ही अपने इस कार्यकाल का अंतिम बजट पेश करने वाली है. अब जबकि ये मोदी सरकार के इस कार्यकाल का आखिरी साल है तो ये बजट पूर्ण बजट न होकर अंतरिम बजट होगा. लेकिन क्या आपको पता है भारत में 1973-74 में जैसा बजट पेश किया गया था वैसा आज तक नहीं किया गया है. 1973-74 के बजट को 'ब्लैक बजट' कहा जाता है. इस बजट में सरकार ने 550 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया था. इस वजह से इसे 'ब्लैक बजट' कहा जाता है.


जानिए क्या होता है 'ब्लैक बजट'?


जब सरकार का खर्च उसकी कमाई की तुलना में बहुत ज्यादा होता है. जिस वजह से सरकार पिछले साल के मुकाबले बजट में कटौती करती है. तब जो बजट पेश किया जाता है उसे 'ब्लैक बजट' कहा जाता है. जैसे की माना लें सरकार की कमाई 10 रुपये की है लेकिन, उसका खर्च 15 रुपये का है. तब सरकार इस घाटे को पूरा करने के लिए 'ब्लैक बजट' पेश करती है.


1973-74 के बजट को इसी वजह से 'ब्लैक बजट' कहा जाता है. भारत ने दो साल पहले ही पाकिस्तान के साथ युद्ध लड़ा था और फिर देश में सूखा पड़ गया था. इस वजह से सरकार ने आजाद भारत का पहला और एकमात्र 'ब्लैक बजट' पेश किया था.


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'ब्लैक बजट' को पेश करते हुए तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंतराव चव्हाण ने अपने भाषण में कहा था कि देश में सूखे के कारण पैदा हुए हालात और खाद्यान्न उत्पादन में भारी कमी की वजह से बजटीय घाटा बड़ गया है.


इतने तरह के होते हैं बजट


ब्लैक बजट आजाद भारत के इतिहास में मात्र एकबार ही पेश किया गया है. आमतौर पर भारत में आम बजट ही पेश किया जाता है. इसके अलावा निष्पादन बजट, शून्य-आधारित बजट और अंतरिम बजट भी बजट के प्रमुख प्रकार हैं. आम बजट को संविधान के अनुच्छेद 112 के तहत संसद में पेश किया जाता है. अंतरिम बजट को अनुच्छेद 116 के तहत पेश किया जाता है. अंतरिम बजट में सरकार कोई नीतिगत फैसला नहीं लेती है और न ही कोई नया टैक्स लगाती है.


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