Personal Income Tax Slabs In Budget 2023: केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) से आगामी बजट (Budget 2023) में व्यक्तिगत आयकर छूट (Personal Income Tax Exemption) को लेकर बड़ी मांग की जा रही है. यह आग्रह एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया, एसोचैम (Assocham) ने बृहस्पतिवार को किया है. एसोचैम ने कहा कि, आगामी बजट में व्यक्तिगत आयकर छूट की सीमा को दोगुना कर 5 लाख रुपये किया जाना चाहिए. उद्योग मंडल ने कहा कि इससे देश की अर्थव्यवस्था को काफी मजबूती मिलेगी.


इतनी आय पर कोई टैक्स नहीं 


आयकर नियमों (Income Tax Rule) के अनुसार, अभी आपको सामान्य रूप से 2.5 लाख रुपये तक सालाना आय की अधिकतम सीमा पर कोई आयकर नहीं देना पड़ता है. वही दूसरी ओर 60-80 वर्ष की आयु वर्ग के व्यक्तियों के लिए यह सीमा 3 लाख और 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए 5 लाख रुपये तक मिलती हैं.


वैश्विक स्तर पर आ सकती है मंदी 


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एसोचैम के अध्यक्ष सुमंत सिन्हा (Sumant Sinha, Assocham President) का कहना है कि इस्पात और सीमेंट जैसे क्षेत्रों की कंपनियां अब क्षमता बढ़ाने की योजना बनाने लगी हैं. उन्होंने जोखिमों के बारे में बात करते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर मंदी आ सकती है और इससे विदेश व्यापार प्रभावित होगा. ऐसे में भारत की  सकल घरेलू उत्पाद (GDP) भी प्रभावित हो सकता है.


क्या है एसोचैम की मांग


बजट पूर्व की अपनी सिफारिशों में एसोचैम ने कहा कि सरकार को आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर कम से कम 5 लाख रुपये कर देना चाहिए. इससे उपभोक्ताओं के हाथों में अधिक खर्च करने योग्य आय बची रहे. उद्योग निकाय ने कहा कि इससे देश की अर्थव्यवस्था (Economy) में खपत को बढ़ावा मिल सकेगा. सिन्हा ने कहा कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष, दोनों तरह के करों में उछाल से सरकार के पास आयकर छूट की सीमा बढ़ाने की पर्याप्त गुंजाइश है.


आर्थिक वृद्धि पर असर 


एसोचैम के महासचिव दीपक सूद (Deepak Sood, General Secretary Assocham) का कहना है कि, ‘‘उपभोक्ताओं के हाथों में अधिक पैसा छोड़ने से खपत को बढ़ावा मिलेगा, जिसका सकारात्मक असर आर्थिक वृद्धि पर होगा.’’


RBI से की थी मांग 


इससे पहले एसोचैम ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से बेंचमार्क दरों में कम से कम बढ़ोतरी करने की अपील की थी. एसोचैम ने कहा कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी को कम से कम रखा जाए ताकि आर्थिक सुधार की प्रक्रिया पर इसका प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े. वहीं आरबीआई मई 2022 से प्रमुख नीतिगत दर में 190 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर चुका है.


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