टेलिकॉम सेक्टर में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और रिलायंस जियो के बाजार बिगाड़ने वाले रेटों की वजह से एयरटेल को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. तिमाही के दौरान एयरटेल की कुल आमदनी 11.7 प्रतिशत घटकर 21,777 करोड़ रुपये पर आ गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 24,651.50 करोड़ रुपये रही थी.
भारती एयरटेल के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (भारत और दक्षिण एशिया) गोपाल विट्टल ने बयान में कहा कि आमदनी में दो अंकीय गिरावट की वजह से उद्योग वित्तीय दबाव झेल रहा है. इंटरकनेक्ट प्रयोग शुल्क (आईयूसी) में कटौती से अगली तिमाही में यह और घट सकता है.
विट्टल ने कहा कि इससे दूरसंचार क्षेत्र में एकीकरण देखने को मिलेगा. कई आपरेटर बाजार से बाहर हो जाएंगे जैसा पूर्व में देखने को मिला है. उन्होंने यह भी कहा है कि एयरटेल इस प्रतिस्पर्धी वातावरण में अपनी राजस्व बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने को प्रतिबद्ध है. हम ग्राहकों को अधिक बेहतर अनुभव उपलब्ध कराएंगे और डेटा क्षमता के विस्तार पर रणनीतिक निवेश करेंगे.
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