लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा का कहना है कि मदरसों में पढ़ने वाले छात्र एक हाथ में कुरान तो दूसरे हाथ से कंप्यूटर पकड़ें क्योंकि दीनी तालीम के साथ साथ दुनियावी तालीम भी बहुत जरूरी है. जब तक छात्र के पास दुनियावी तालीम नही होगी तब तक वह तरक्की नही कर सकते हैं.


उत्तर प्रदेश के मदरसों में एनसीईआरटी का पाठयक्रम पढ़ाने के आदेश के बाद उप मुख्यमंत्री और माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि 'मदरसों में एनसीईआरटी पाठयक्रम पढ़ाने का उद्देश्य मुस्लिम बच्चों को मुख्य शिक्षा पध्दति से जोड़ना और उनकी मजहबी शिक्षा को भी कायम रखना है.


उन्होंने कहा कि मदरसों में छात्र मजहबी शिक्षा तो हासिल करेंगे ही साथ ही उन्हें अंग्रेजी, गणित और विज्ञान की भी शिक्षा दी जाएगी. इसके अलावा कंप्यूटर और सामाजिक शिक्षा की विशेष शिक्षा दी जाएगी. मदरसों में छात्रों के लिये एनसीईआरटी की ज्यादातर पुस्तकें उर्दू भाषा में होंगी ताकि इन छात्रों के सामने भाषा की समस्या न आए.


उन्होंने बताया कि मदरसों को कंप्यूटर और आधुनिक शिक्षा के सारे सामान केंद्र सरकार द्वारा दिए जा रहे है. अच्छी और उच्च आधुनिक शिक्षा के लिये हम अध्यापक भी उपलब्ध करायेंगे. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में 19 हजार मदरसे है जिसमें से 16 हजार मदरसे सरकार के पास पंजीकृत हैं. शर्मा ने कहा कि सरकार आधुनिक शिक्षा उन्हीं मदरसों को देगी जो उसके पास पंजीकृत है.


इस बीच केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने उत्तर प्रदेश सरकार के मदरसों में एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाए जाने के फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह किताबें अच्छी होने के साथ साथ किफायती भी हैं.


मदरसों में आधुनिक पाठयक्रम से पढ़ाए जाने की तैयारी प्रदेश सरकार ने शुरू कर दी है