Ban On Diesel 4-Wheelers Likely: डीजल से चलने वाली कारें एसयूवी पर आने वाले दिनों में प्रतिबंध लगाया जा सकता है. पेट्रोलियम मंत्रालय के एनर्जी ट्रांजीशन एडवाइजरी कमिटी (Energy Transition Advisory Committee) ने अपने फाइनल रिपोर्ट में केंद्र सरकार से एक मिलियन ( 10 लाख) से ज्यादा जनसंख्या वाले शहरों में 2027 तक डीजल से चलने वाली कारें-एसयूवी पर रोक लगाने की सिफारिश की है. रिपोर्ट में 2024 से केवल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के रजिस्ट्रेशन पर जोर दिया गया है जिससे अगले 10 वर्षों में 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में 75 फीसदी व्हीकल्स इलेक्ट्रिक हो. 


कमिटी ने 2035 तक नेशनल एनर्जी बास्केट में ग्रिड पावर की हिस्सेदारी को दोगुना कर 40 फीसदी करने की भी सिफारिश की है. कमिटी ने पेट्रोलियम, कोल, पावर और रिन्यूएबल एनर्जी से जुड़े मंत्रालय को मिलाकर एक मंत्रियों के समूह के गठन करने को कहा है. साथ ही सचिवों की भी कमिटी बनाने को कहा गया जिसमें उर्जा के खपत पर निगरानी रखने वाले मंत्रालयों के सदस्यों को भी शामिल किया जाए. 


पूर्व पेट्रोलियम सचिव तरुण कपूर की अध्यक्षता में एनर्जी ट्रांजीशन एडवाइजरी कमिटी का गठन किया गया था जिसमें सरकारी तेल कंपनियों और पेट्रोलिम मंत्रालय के अधिकारियों को शामिल किया गया था. तरुण कपूर जब प्रधानमंत्री के सलाहकार बने गए तो ओएनजीसी के पूर्व चेयरमैन सुभाष कुमार को कमिटी का अध्यक्ष बनाया गया. और उनके ही अध्यक्षता में ही कमिटी ने रिपोर्ट तैयार कर पेट्रोलियम मंत्रालय को सौंपा है. 


रिपोर्ट में सड़क परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल पर जोर देने को कहा गया है साथ ही डीजल से चलने वाले फोर-व्हीलर्स को जल्द से जल्द बैन लगाने को कहा गया है. कमिटी ने 10 लाख से ज्यादा जनसंख्या वाले शहरों और ज्यादा प्रदूषण वाले शहरों में 2027 तक यानि अगले पांच वर्ष तक डीजल चालित चार चक्के वाली गाड़ियों पर बैन लगाने की सिफारिश की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि शहरी इलाकों में डीजल से चलने वाली बसों को बिलकुल शामिल ना किया जाए. 



ये भी पढ़ें


Manipur Crisis: मणिपुर क्राइसिस को एयरलाइंस ने बनाया कमाई का जरिया, एक घंटे के सफर के लिए वसूल रहे बेतहाशा किराया