नई दिल्लीः केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी के लागू होने की दिशा में एक बड़ी अड़चन को दूर करने का ऐलान किया है. आज जेटली ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर परिषद (जीएसटी) ने मुआवजा कानून के मसौदे को मंजूरी दे दी है, जोकि जीएसटी संविधान संशोधन के 4 कानूनों में से एक है. उन्होंने उम्मीद जताई कि अगली बैठक में बाकी के कानून मसौदे को भी मंजूरी मिल जाएगी, जिसे संसद के बजट सत्र के दूसरे हिस्से में रखा जाएगा.


जेटली ने यहां एक प्रेस कॉन्फेंस में कहा, "जीएसटी के मुआवजा कानून के अनुसार, राज्यों को होनेवाली किसी भी नुकसान की 5 साल तक भरपाई की जाएगी. कानूनी तौर पर जांचे परखे मसौदे को परिषद के समक्ष लाया गया और औपचारिक रूप से इसे पारित कर दिया गया है."


जेटली ने कहा कि लीगल कमेटी के सुझावों के आधार पर ही जीएसटी कांउसिल प्रस्ताव पारित करेगी. उन्होंने यह भी बताया कि जीएसटी कानून की वजह से पहले 5 सालों में राज्यों को अगर कोई हानि होती है तो केन्द्र उसकी क्षतिपूर्ति करेगा. वित्त मंत्री ने बताया कि 4 व 5 मार्च को नई दिल्ली में होने वाली जीएसटी से संबंधित महत्वपूर्ण बैठक में अन्य ड्राफ्ट्स पर भी चर्चा कर सहमति बनाई जाएगी.


उन्होंने कहा, "सभी मसौदों को मंजूरी मिल जाने के बाद हम उन्हें संसद में रखेंगे. बजट सत्र के दूसरे हिस्से (9 मार्च से) में जीएसटी संविधान संशोधन के सभी कानूनों को मंजूरी मिल जाएगी." काउंसिल की इस बैठक में जीएसटी के कई लंबित मामलों पर अंतिम निर्णय लिया गया. बैठक का मुख्य एजेंडा सीजीएसटी, एसजीएसटी और आईजीएसटी को मंजूरी देना था.


बैठक में मुख्यतः पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी.नारायणसामी, गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन भाई पटेल, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित राज्यों के वित्त मंत्रियों ने हिस्सा लिया. वहीं इस मीटिंग में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के प्रतिनिधि के रूप में राज्य के इंडस्ट्री मिनिस्टर राजपाल सिंह शेखावत ने हिस्सा लिया.