Anil Ambani Update: एडीएजी ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को जोर का झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को राहत देते हुए अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की मेट्रो सेवा देने वाली कंपनी दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (DAMEPL) के पक्ष में 8,000 करोड़ रुपये के आर्बिट्रल अवार्ड को रद्द कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने आर्बिट्रल अवार्ड  में पेटेंट अवैधता का हवाला देते हुए हाई कोर्ट के डिविजन बेंच के फैसले को बरकरार रखा है. 


20% गिरा रिलायंस इंफ्रा का स्टॉक 


सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के चलते रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर का शेयर औंधे मुंह जा लुढ़का है. स्टॉक में 20 फीसदी के गिरावट के साथ लोअर सर्किट लग गया है. 56.90 रुपये की गिरावट के साथ शेयर फिलहाल 227.6 रुपये पर है. कंपनी का मार्केट कैप 9015 करोड़ रुपये पर आ गया है. 


मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के अगुवाई वाली बेंच ने अपने फैसले में डीएमआरसी की तरफ से जमा किए गए रकम को लौटाने के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से कार्रवाई के तहत जमा कराये गए रकम को लौटाना होगा. अपने फैसले को सुरक्षित रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने डीएमआरसी को क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करने की इजाजत दे दी है. बेंच ने हालांकि आगाह करते हुए कहा इसका इस्तेमाल ऐसी याचिकाओं के द्वार खोलने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.


क्या है पूरा मामला 


डीएमआरसी और दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड ने 2008 में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से द्वारका सेक्टर 21 तक 30 वर्षों के लिए एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन के डिजाइन, इंस्ट्रॉल, कमीशन ऑपरेट, और मेनटेन करने के लिए करार किया था. डीएमआरसी  ने सिविल स्ट्रक्चर तैयार किया था जबकि  दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड पर सिस्टम के देखभाल की जिम्मेदारी थी.


दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड ने स्ट्रक्चर में खामियां पाये जाने के बाद डीएमआरसी को जुलाई 2012 में नोटिस जारी कर इसे ठीक करने को कहा था. बाद में दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड ने टर्मिनेशन नोटिस दे दिया है. आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल ने दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के हक में फैसला सुनाते हुए डीएमआरसी से 2017 में 2782.33 करोड़ रुपये भुगतान करने को कहा. डीएमआरसी ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. दिल्ली हाईकोर्ट के डिविजन बेंच ने आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल के ऑर्डर पर रोक लगा दिया था. जिसके बाद अनिल अंबानी की कंपनी सुप्रीम कोर्ट चली गई.    


तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल के अवार्ड्स को चुनौती नहीं दी जा सकती है और उसके फैसले को बरकरार रखा था. इसके बाद डीएमआरसी ने क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल किया जिसे कोर्ट ने इजाजत दे दी है. 2021 तक आर्बिट्रल अवार्ड्स का रकम 7045 करोड़ रुपये था जो बढ़कर अब 8,000 करोड़ रुपये हो गया है. 


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