SpiceJet Share Jumps: इंडिगो संकट का बुधवार को नौवां दिन होने के बावजूद हालात पूरी तरह सुधर नहीं पाए हैं. देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस इंडिगो द्वारा लगातार बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द किए जाने से यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसी स्थिति को देखते हुए सरकार ने एयरलाइन के परिचालन में 10 प्रतिशत की कटौती करने का आदेश जारी किया है. इसका सीधा मतलब यह है कि इंडिगो अपने निर्धारित विंटर शेड्यूल के मुताबिक उड़ानें संचालित नहीं कर पाएगी.

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उधर, बढ़ी हुई मांग और यात्रियों की मुश्किलों को देखते हुए स्पाइसजेट ने बड़ा कदम उठाते हुए घोषणा की है कि वह सर्दियों के दौरान रोजाना 100 अतिरिक्त उड़ानें शुरू करने के लिए तैयार है. हालांकि एयरलाइन ने स्पष्ट किया कि यह विस्तार केवल नियामकीय स्वीकृति मिलने के बाद ही संभव होगा. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस निर्णय के पीछे प्रमुख रूट्स पर बढ़ती मांग मुख्य कारण है.

उछले स्पाइस जेट के शेयर

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इंडिगो संकट के बीच स्पाइसजेट के शेयरों में भी सकारात्मक रुझान देखने को मिला है. 10 दिसंबर को कंपनी के शेयर करीब 5 प्रतिशत तक उछलकर 36 रुपये तक पहुंच गए. कुछ ही कारोबारी सत्रों में इसके शेयर 19 प्रतिशत तक चढ़ चुके हैं. दोपहर 12:55 बजे बीएसई पर स्पाइसजेट का शेयर 1.5 प्रतिशत की बढ़त के साथ 34 रुपये पर कारोबार कर रहा था. यह तेजी ऐसे समय में आई है जब इंडिगो पायलटों की कमी के चलते लगभग 5,000 उड़ानों को रद्द करने की वजह से मुश्किलों में घिरी हुई है और उस पर नियामकीय कार्रवाई की संभावना बढ़ गई है.

स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि सरकार को इसकी विंटर फ्लाइट शेड्यूल में भी कटौती करनी पड़ी और करीब 100 उड़ानें अन्य एयरलाइंस को संचालित करने की अनुमति दी गई.

इंडिगो घरेलू विमानन बाजार में करीब दो-तिहाई हिस्सेदारी रखती है, ऐसे में उसका परिचालन अचानक बाधित होने से भारतीय नागरिक उड्डयन प्रणाली पर बड़ा प्रभाव पड़ा है. एयरलाइन का ऑन-टाइम परफॉर्मेंस भी गिरकर मात्र 8.5 प्रतिशत रह गया, जिसके चलते दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद सहित कई प्रमुख हवाई अड्डों से बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द करनी पड़ीं.

इंडिगो संकट ने बढ़ाई मुसीबत

जब डीजीसीए को यह स्पष्ट हो गया कि इंडिगो अपने वीकली आवंटित 15,014 उड़ानों को नियमित रूप से संचालित करने की स्थिति में नहीं है, तब उसके शेड्यूल में कटौती का निर्णय लिया गया. इस अचानक हुए बदलाव से हजारों यात्रियों को यात्रा योजनाओं के रद्द होने, देरी और वैकल्पिक उड़ानें खोजने में काफी मुसीबतें झेलनी पड़ी हैं.

ऐसे माहौल में स्पाइसजेट की ओर से उड़ानों में वृद्धि की पेशकश काफी राहत दे सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि स्पाइसजेट को नियामकीय मंजूरी मिल जाती है, तो वह इंडिगो संकट के चलते पैदा हुई उड़ानों की कमी को काफी हद तक पूरा कर पाएगी, जिससे घरेलू हवाई सेवाओं में स्थिरता वापस लाने में मदद मिलेगी.

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